इस सूची की मदद से वित्तीय संस्थानों को आतंकवादियों से कारोबार एवं लेनदेन करने से रोका जाता है.
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कराची: कोरोना (Coronavirus) महामारी के वैश्विक संकट के बीच भी पाकिस्तान (Pakistan) अपनी कारगुजारियों से बाज नहीं आ रहा है. इमरान खान (Imran Khan) सरकार ने गुपचुप तरीके से 1800 आतंकवादियों को निगरानी सूची से हटा दिया है. जिसमें 2008 में हुए मुंबई हमले (26/11) का मास्टरमाइंड और लश्कर का ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी (Zakiur Rehman Lakhvi) भी शामिल है.
वैश्विक एंटी-मनी-लॉन्ड्रिंग वॉचडॉग (FATF) की आकलन बैठक से पहले पाकिस्तान के इस कदम का खुलासा अमेरिका के एक स्टार्टअप ने किया है, जो निगरानी सूची ऑटोमेट करने का काम करता है. पाकिस्तान ने इन आतंकियों के नाम राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधी प्राधिकरण (NACTA) द्वारा बनाई जाने वाली सूची से हटाए हैं. दरअसल, इस सूची की मदद से वित्तीय संस्थानों को आतंकवादियों से कारोबार एवं लेनदेन करने से रोका जाता है.
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न्यूयॉर्क स्थित नियामक प्रौद्योगिकी कंपनी कास्टेलम डॉट एएल (Castellum.AI) के मुताबिक, 2018 की सूची में लगभग 7,600 नाम थे. जबकि पिछले 18 महीनों में यह घटकर 3,800 हो गए हैं. यानी पाकिस्तान लगातार निगरानी सूची से आतंकियों को हटाने के खेल खेलता आ रहा है. कंपनी का कहना है कि पाकिस्तान पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के साथ पारस्परिक रूप से सहमत होने वाली एक कार्य योजना को लागू करने के लिए काम कर रहा है, जिसके एक हिस्से के रूप में लक्षित वित्तीय प्रतिबंधों के प्रभावी कार्यान्वयन का प्रदर्शन करना शामिल है. उसका यह भी कहना है कि संभव है कि आतंकियों का नाम सूची से हटाना FATF सिफारिशों को लागू करने की पाक की कार्य योजना का हिस्सा हो.
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गौरतलब है कि FATF की तरफ से पाकिस्तान की रेटिंग खास अच्छी नहीं है. FATF ने उसे 27 बिन्दुओं पर कार्यवाही करने के लिए जून तक का समय दिया था. फरवरी में उसकी तरफ से कहा गया था कि पाकिस्तान ने उसकी ओर से दिए 27 कार्यों में से 14 को पूरा कर पाया है. FATF जून में एक बार फिर से पाकिस्तान की स्थिति का आकलन करेगी. वर्तमान में FATF ने पाकिस्तान को ‘ग्रे’ सूची में रखा है और वह धन-शोधन और आतंकवादी वित्तपोषण नियमों के गैर-अनुपालन वाले देशों की सूची में शामिल होने से बचने के लिए लगातार हाथपांव मार रहा है. यदि उसे इस सूची में डाला जाता है, तो उसकी बदहाल अर्थव्यवस्था और भी बुरी स्थिति में पहुँच जायेगी.
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कास्टेलम डॉट एएल के अनुसार, पाकिस्तान की सूची से हटाए गए कई नाम अमेरिका या संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में सूचीबद्ध आतंकवादियों के उपनाम प्रतीत होते हैं. हालांकि, जन्मतिथि आदि पर्याप्त जानकारी के अभाव में इस बारे में ज्यादा कुछ कहना मुश्किल है. कंपनी ने कहा उसने लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के आका का पूरा नाम, जकीउर रहमान लखवी, पाकिस्तान के निषिद्ध व्यक्तियों की सूची में भी खोजा, और वह सूची में नहीं था. इसका मतलब यह है कि यदि हटाया गया नाम गलत है, तो पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी को अपनी आतंकवाद निगरानी सूची में नहीं जोड़ा है.
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, नाम हटाने पर पाक ने कोई सार्वजनिक स्पष्टीकरण नहीं दिया है, लेकिन एक अधिकारी ने ईमेल साक्षात्कार में कहा कि यह आतंकवाद विरोधी सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता का पालन करने के लिए देश में चल रहे प्रयासों का हिस्सा है. सूत्रों के अनुसार, जिस तरह से और जितनी तादाद में आतंवादियों के नाम हटाये जा रहे हैं, वह असामान्य है. सार्वजनिक स्पष्टीकरण के बिना करीब 4,000 नामों को हटाना अजीब है और यह लिस्टिंग प्रक्रिया को लेकर गंभीर प्रश्न उठाता है.