पाकिस्तान पर 5.8 अरब डॉलर का जुर्माना, गिड़गिड़ा रहे इमरान खान; जानें पूरा मामला
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पाकिस्तान पर 5.8 अरब डॉलर का जुर्माना, गिड़गिड़ा रहे इमरान खान; जानें पूरा मामला

आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि उसे इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल (International Tribunal) के आगे गिड़गिड़ाना पड़ रहा है. ट्रिब्यूनल ने पाकिस्तान पर 5.8 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है.

फाइल फोटो

इस्लामाबाद: आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि उसे इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल (International Tribunal) के आगे गिड़गिड़ाना पड़ रहा है. ट्रिब्यूनल ने पाकिस्तान पर 5.8 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है. पाकिस्तान का कहना है कि यदि वह इतनी बड़ी रकम का भुगतान करता है, तो कोरोना (CoronaVirus) महामारी से निपटने में दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

  1. ऑस्ट्रेलियाई कंपनी का खनन पट्टा रद्द करने पर लगाया गया जुर्माना
  2. पाकिस्तान की GDP के लगभग दो फीसदी के बराबर है जुर्माना
  3. इमरान खान ने व‌र्ल्ड बैंक से लगाई  जुर्माना माफ करने की गुहार
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इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल ने यह जुर्माना ऑस्ट्रेलियाई कंपनी का खनन पट्टा रद्द करने पर लगाया है. अपनी GDP के लगभग दो फीसदी के बराबर के जुर्माने की बात सुनकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के होश उड़ गए हैं. उन्होंने जुर्माना न वसूलने के लिए गिड़गिड़ाना शुरू कर दिया है.

मालूम हो कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत का रेको डीक (Reko Diq) जिला सोने और तांबे सहित दूसरी अन्य खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है. इमरान सरकार इसे अपनी एक रणनीतिक राष्ट्रीय संपत्ति मानती है. सरकार ने टेथयॉन कॉपर (Tethyan Copper Corp) कंपनी को दिए गए खनन पट्टे को रद्द कर दिया था, जिसकी वजह से उस पर जुर्माना लगाया गया है. टेथयॉन कॉपर में बैरिक गोल्ड कारपोरेशन ऑफ ऑस्ट्रेलिया और चिली की एंटोफगस्टो पीएलसी की बराबर की हिस्सेदारी है. पाकिस्तान ने व‌र्ल्ड बैंक इंटरनेशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ इंवेस्टमेंट डिस्प्यूट (World Bank’s International Centre for Settlement of Investment Disputes) से जुर्माना न वसूलने की अपील की है, जिस पर विचार किया जा रहा है.

लाभ उठाने का लालच
बलूचिस्तान सरकार (Balochistan government) ने खदान को विकसित करने के लिए अपनी स्वयं की एक कंपनी बनाई है. चूंकि कमोडिटी की कीमतें बढ़ रही हैं, इसलिए स्थानीय सरकार मौके का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहती है.  स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पाकिस्तान ने कंपनी से वैकल्पिक समाधानों पर चर्चा की इच्छा व्यक्त की है, लेकिन अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है. पाक अधिकारियों ने कहा कि वे प्रत्यक्ष रूप से किसी के संपर्क में नहीं हैं और कोई विशेष समझौता नहीं किया गया है.

इमरान के कार्यकाल में बदतर हुए हालात
इमरान खान नए पाकिस्तान के नारे के साथ सत्ता में आये थे. आवाम को उम्मीद थी कि इमरान दूसरे नेताओं से कुछ अलग करके दिखाएंगे, लेकिन वह पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं. उनके कार्यकाल में पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बाद से बदतर होती जा रही है. कोरोना महामारी से निपटने में भी उनकी सरकार विफल रही है और आये दिन सामने आने वाले भ्रष्टाचार के मामलों से जनता में उनके प्रति गुस्सा बढ़ा है. इमरान के खास समझे जाने वाले पूर्व सैन्य अधिकारी असीम सलीम बाजवा के भ्रष्टाचार को लेकर हाल ही में बड़ा खुलासा हुआ है. इसके बावजूद इमरान ने उन्हें अपने विशेष सहायक के पद से नहीं हटाया है.  

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