BRICS Member: चीन ब्रिक्स (BRICS) का विस्तार करने के लिए इच्छुक है और रूस समूह में नए सदस्यों को शामिल करने की चीन की पहल का समर्थन करता है. इसलिए कूटनीति के जानकारों का मानना है कि चीन की मदद से जल्द ही पाकिस्तान इस लोकप्रिय संगठन में एंट्री ले सकता है.
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Pakistan To Join BRICS: ब्रिक्स की लोकप्रियता पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रही है. कई देश इसका हिस्सा बनना चाहते हैं. ब्राजील, रूस, भारत और चीन और दक्षिण अफ्रीका के संयुक्त संगठन ब्रिक्स (Brics) के अगले महीने होने जा रहे शिखर सम्मेलन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इस बीच रूस ने कहा है कि सीमा पार होने वाले व्यापार के लिए दीर्घकालिक भुगतान प्रणाली की स्थापना पर चर्चा होगी. वहीं साउथ अफ्रीका के प्रतिनिधि ने बताया है कि 40 से ज्यादा देशों ने इस समूह में शामिल होने में दिलचस्पी दिखाई है. BRICS में शामिल होने वाले देशों की वेटिंग लिस्ट की बात करें तो इन देशों में पाकिस्तान के नाम की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही है.
चीन की मदद से BRICS में आएगा PAK?
चीन ब्रिक्स (BRICS) का विस्तार करने के लिए इच्छुक है और रूस समूह में नए सदस्यों को शामिल करने की चीन की पहल का समर्थन करता है. इसलिए कूटनीति के जानकारों का मानना है कि चीन की मदद से जल्द ही पाकिस्तान इस संगठन में एंट्री ले सकता है. साउथ अफ्रीका के दूत का कहना है कि नए सदस्यों के शामिल होने से संगठन के राजनीतिक प्रभाव में बढ़ोतरी होगी. इस साल ब्रिक्स 2023 का सम्मेलन साउथ अफ्रीका में 22 से 24 अगस्त के बीच होने वाला है.
वहीं पाकिस्तान टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने भी ब्रिक्स में शामिल होने के लिए दिलचस्पी दिखाते हुए बातचीत की है. पाकिस्तान के रूस में होने वाली इसकी अगली बैठक में इसके आधिकारिक तौर पर शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं. ब्रिक्स में शामिल होने की पाकिस्तान की कोशिशों को चीन (China) और रूस (Russia) दोनों का समर्थन प्राप्त है, जो काफी समय से ब्रिक्स के प्रभाव का विस्तार बढ़ाने की बात कह रहे हैं.
क्या है BRICS?
'ब्रिक्स' दुनिया की 5 प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं के संगठन का एक नाम है. जिसमें ब्राजील (Brazil), रूस (Russia), भारत (India), चीन (China) और दक्षिण अफ्रीका (South Africa) शामिल हैं. ब्रिक्स क्षेत्रीय मुद्दों पर नजर रखता है. गौरतलब है कि ब्रिक्स की गिनती दुनिया की कुछ तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में होती है. ब्रिक्स समिट की अध्यक्षता हर साल इसके सदस्य देशों की ओर से होती है. सभी 5 देशों में से हर साल बदल-बदलकर इसकी मेजबानी करते हैं. साउथ अफ्रीका इस संगठन में सबसे बाद में यानी 2010 में शामिल हुआ था.