ये फैसला पहले ही ले लेना था. लेकिन कोई बात नहीं. ये अल्लाह का शुक्र है कि वो भले ही पूरी जिंदगी साथ नहीं जी पाए. लेकिन जिंदगी के आखिरी पहर में दोनों साथ तो रहेंगे.
कहते हैं प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती. प्यार में साथ जीने-मरने की कसमें खाई जाती हैं. लेकिन कम ही प्रेम कहानियां अपने अंजाम तक पहुंच पाती हैं. हालांकि कुछ प्रेम कहानियां ऐसी भी हैं, जो अमर हो जाती हैं. ऐसी ही एक प्रेम कहानी आई है पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से, जहां दो बुजुर्गों ने आखिरी वक्त पर एक दूसरे का दामन थाम लिया है.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर शहर के पास की ये प्रेम कहानी अचानक तब चर्चा में आ गई, जब पोते-पोतियों वाले अतहर खान और नाज़रीन ने एक-दूसरे का हाथ थाम लिया और बाकायदा निकाह कर लिया. अतहर की उम्र 80 साल है और नाज़रीन 75 साल की हैं. दोनों के जीवन साथी दुनिया छोड़ चुके हैं. दोनों अपने किशोरावस्था के दिनों से ही एक दूसरे को चाहते थे.
पाकिस्तान (Pakistan) के 24 न्यूज एचडी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक अतहर और नाज़नीन अपने किशोरावस्था से ही एक दूसरे को चाहते थे. लेकिन परिवार के विरोध की वजह से दोनों की अलग अलग जगह शादियां हो गईं. अतहर के चार बच्चे हैं और नाज़नीन के 6 बच्चे हैं. सभी की शादियां हो चुकी हैं और दोनों पोते-पोतियों वाले हैं.
अतहर की पत्नी की 6 साल पहले मौत हो गई और नाज़नीन के शौहर 9 साल पहले चल बसे थे. ऐसे में परिवार होते हुए भी दोनों खुद को अकेला महसूस कर रहे थे. यही वजह है कि दोनों ही एक-दूसरे से मुलाकात का बहाना खोजते रहे और फिर जब मुलाकातें होने लगी तो दोनों ने ही परिवार वालों के विरोध के बावजूद अपना घर बसा लिया.
दोनों के मिलाकर 10 बच्चे हैं. हालांकि इस निकाह में गिनती के लोग ही शामिल हुए. एक चैनल से बातचीत में अतहर ने कहा कि उन्होंने ये फैसला पहले ही ले लेना था. लेकिन कोई बात नहीं. ये अल्लाह का शुक्र है कि वो भले ही पूरी जिंदगी साथ नहीं जी पाए. लेकिन जिंदगी के आखिरी पहर में दोनों साथ तो रहेंगे.
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