कोरोना वायरस चीन से निकलकर पूरी दुनिया में फैला. इसने पूरी दुनिया में भारी तबाई मचाई, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान चीन को ही पहुंचा. यहां पिछले महीने तक कई शहर लॉकडाउन की वजह से बंद रहे. देश के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी दो साल से ज्यादा समय तक देश में कैद रहे.
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Xi Jinping in Hongkong: कोरोना वायरस चीन से निकलकर पूरी दुनिया में फैला. इसने पूरी दुनिया में भारी तबाई मचाई, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान चीन को ही पहुंचा. यहां पिछले महीने तक कई शहर लॉकडाउन की वजह से बंद रहे. देश के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी दो साल से ज्यादा समय तक देश में कैद रहे. वह चीन से बाहर कहीं भी नहीं निकले, लेकिन 2020 के बाद पहली बार वह चीन से बाहर निकले हैं. दरअसल शी जिनपिंग हॉन्गकॉन्ग की वर्षगांठ के मौके पर वहां पहुंचे हैं और महामारी की शुरुआत के बाद चीन के बाहर उनकी पहली यात्रा है.
बता दें कि इस बार शी जिनपिंग का हॉन्गकॉन्ग दौरा इसलिए खास है क्योंकि इस बार ब्रिटेन द्वारा हॉन्गकॉन्ग को चीन को सौंपे जाने की 25वीं वर्षगांठ है. यही वजह है कि कोरोना के खतरे के बाद भी शी जिनपिंग देश से बाहर निकलकर वहां जा रहे हैं. चीन ने कोरोना की चौथी लहर में भी सबसे ज्यादा तबाही झेली है. प्रमुख शहरों में लोगों को 2 महीने तक लॉकडाउन का सामना करना पड़ा था. पिछले दिनों ही ये लॉकडाउन हटाया गया है. इसके अलावा देश में जीरो कोविड पॉलिसी भी लागू है. जिसकी वजह से लगातार विरोध हो रहा है और शी जिनपपिंग पर भी कई सवाल उठे हैं.
बता दें कि शी जिनपिंग 2 साल में न सिर्फ पहली बार चीन से बाहर जा रहे हैं, बल्कि किसी भी बड़े कार्यक्रम में भी यह उनकी पहली मौजूदगी होगी. कोरोना शुरू होने के बाद से वह लगातार चीन में थे और उन्होंने किसी भी बड़े सार्वजनिक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया था. पिछले दिनों हुए ब्रिक्स 2022 के सम्मेलन में भी सभी नेता डिजिटली रूप से शामिल हुए थे.
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