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बाल रूप में दिव्यता... कौन है किष्किंधा का 'योगी', जिसने बनाई अयोध्या के रामलला की मूर्ति

Ram Mandir Arun Yogiraj news: पूरा देश राममय है. कुछ दिन बाद अयोध्या में रामलला अपने मंदिरनुमा भवन में प्रवेश करेंगे. प्राण प्रतिष्ठा के लिए उनके बाल रूप वाली मूर्ति का भी चयन हो गया है. हनुमान जी के क्षेत्र कर्नाटक (किष्किंधा) के रहने वाले अरुण योगीराज ने भगवान की यह मूर्ति बनाई है. 

51 इंच ऊंची, 5 साल का बाल रूप

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51 इंच ऊंची, 5 साल का बाल रूप

अयोध्या मंदिर के लिए रामलला की श्याम वर्ण की मूर्ति का चयन हो गया है. 22 जनवरी को इसी मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होगी. यह 51 इंच ऊंची भगवान राम की खड़ी प्रतिमा है. इसमें 5 साल का बाल रूप दिखाई देता है. वह धनुष-बाण के साथ सुसज्जित हैं. मूर्ति को बनाने में कर्नाटक की कृष्ण शिला का इस्तेमाल किया गया है. शिलाएं उडुपी से लाई गई थीं. सबसे खास बात मैसूर के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने रामलला की यह मूरत बनाई है. टॉप-3 मूर्तिकारों की बनाई मूर्ति में से उनकी मूर्ति का चयन हुआ. जब से उनका नाम सामने आया है, लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं. हनुमान की भूमि कर्नाटक (पहले का किष्किंधा) से ताल्लुक रखने वाले अरुण योगीराज के बारे में बड़ी बातें जान लीजिए.

बच्चे की मूर्ति बनानी थी...

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बच्चे की मूर्ति बनानी थी...

मैसूर के रहने वाले अरुण योगीराज ने 6 महीने में रामलला का बाल रूप तैयार किया है. योगीराज ने बताया, ‘मूर्ति एक बच्चे की बनानी थी, जो दिव्य हो क्योंकि यह भगवान के अवतार की मूर्ति है. जो लोग मूर्ति को देखते, उन्हें दिव्यता का एहसास होना चाहिए.' 

नौकरी छोड़ी और...

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नौकरी छोड़ी और...

साल 2008 में नौकरी छोड़कर अरुण योगीराज ने विरासत को आगे बढ़ाया और मूर्तियां बनाने लगे. हां, उनका परिवार पांच पीढ़ियों से मूर्ति बनाने के काम में लगा है. 

सैकड़ों मूर्तियां बना चुके

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सैकड़ों मूर्तियां बना चुके

अरुण ने अपने दादा और पिता से मूर्ति बनाने का हुनर सीखा है. बताते हैं कि वह खुद 1000 से ज्यादा मूर्तियां बना चुके हैं. वह देवी-देवताओं के अलावा गांधी, आंबेडकर और वाजपेयी जैसे नेताओं की भी मूर्तियां बना चुके हैं. 

शंकराचार्य की मू्र्ति भी बनाई

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शंकराचार्य की मू्र्ति भी बनाई

केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की मूर्ति और दिल्ली में इंडिया गेट के पास स्थापित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति अरुण योगीराज ने ही बनाई है. नेताजी की मूर्ति के साथ वह पीएम से मुलाकात भी कर चुके हैं. तब पीएम मोदी ने उनकी तारीफ करते हुए ट्वीट किया था. 

मां बोली, सबसे खुशी का पल

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मां बोली, सबसे खुशी का पल

उन्हें देश-विदेश में दर्जनों सम्मान मिल चुके हैं. योगीराज के घर की तस्वीर आज सोशल मीडिया पर शेयर हो रही है. उनकी मां सरस्वती ने कहा कि यह हमारे लिए सबसे खुशी का पल है. मैं बेटे को भगवान राम की मूर्ति बनाते हुए देखना चाहती थी लेकिन उसने कहा कि वह मुझे आखिरी दिन ले जाएगा, मैं अब मूर्ति स्थापना के दिन जाऊंगी. 

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