China submarine sank: समंदर में चीन का मोये मोये हो गया है. दरअसल जिस न्यूक्लियर सबमरीन यानी परमाणु पनडुब्बी के दम पर चीनी आका शी जिनपिंग, दक्षिण चीन सागर, हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी को अपनी बपौती मानकर चल रहे थे, उनकी गलतीफहमी दूर हो गई है. हालांकि रस्सी जल गई है, लेकिन उसका बल नहीं गया है. 'ड्रैगन' की इस शर्मिंदगी का सबब बीजिंग के रक्षा वैज्ञानिकों की वो टीम है, जिसने राष्ट्रपति XI जिनपिंग का सिर झुका दिया है. चीन की लेटेस्ट और एडवांस परमाणु पनडुब्बी डूबने से चीनी टेक्नोलॉजी पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं.
(सांकेतिक तस्वीरें)
ताइवान, जिसे चीन अपना क्षेत्र मानता है, उसकी सैन्य गतिविधियों पर नजर रखता है. वही चीन पर नजर रखते हुए उसके पल-पल के घटनाक्रम को मॉनिटर कर रहा है.
अमेरिका (USA) के एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने गुरुवार को कहा था कि चीन की नवीनतम परमाणु-संचालित हमलावर पनडुब्बी इस साल की शुरुआत में डूब गई थी, ऐसा होना बीजिंग के लिए संभावित शर्मिंदगी है क्योंकि वह अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार करना चाहता है.
अमेरिका का कहना है कि ये घटनाक्रम, 'प्रशिक्षण मानकों और उपकरणों की गुणवत्ता के बारे में स्पष्ट जानकारी के अलावा, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की आंतरिक जवाबदेही और चीन के रक्षा उद्योग पर गहरे सवाल उठाता है.
चीन की सेना पर पेंटागन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022 तक, चीन के पास छह परमाणु-संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां, छह परमाणु-संचालित आक्रमण पनडुब्बियां और 48 डीजल-संचालित अटैकिंग सबमरीन थीं.
अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा है कि उनका पनडुब्बी बल 2025 तक 65 और 2035 तक 80 तक बढ़ने की उम्मीद है. पनडुब्बी के डूबने पर ताइवान के रक्षा मंत्री वेलिंगटन कू ने कहा कि अधिकारियों को कई खुफिया और निगरानी तरीकों के माध्यम से स्थिति की समझ है, हालांकि उन्होंने विस्तार से कुछ नहीं बताया.
बीजिंग में बैठे कथित स्वयंभू सर्वशक्तिमान नेता शी जिनपिंग और चीनी फौज PLA के कमांडरों के मुंह लटके हैं. लोगों के चेहरों से मुस्कान गायब है. इसकी वजह वो खुलासा है जो सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ है. अमेरिकी अफसर और साइंस लैब चीन को लगे सदमे की पुष्टि कर रहे हैं.
समंदर में चीन की नौसेना की वाट लग गई है. चीनी रक्षा वैज्ञानिकों की बनाई जिस लेटेस्ट परमाणु पनडुब्बी को शी जिनपिंग धरती के नक्शे पर मौजूद हर सागर और महासागर पर राज करने वाली गेमचेंजर मशीन बता रहे थे, वो न्यूक्लियर सबमरीज करीब चार महीने पहले डूब गई थी. इसी वजह से फिलहाल चीन के तेवर ढीले हैं. रस्सी जल गई लेकिन उसका बल नहीं गया है.
समंदर में चीन का मोये मोये कराने वाली चीनी पनडुब्बी के डूबने से अमेरिका और यूरोप गदगद है. उनके चेहरे खिले होने की वजह भी है. दरअसल जिस चीज पर दुश्मन 'ड्रैगन' इठला रहा था उसके कबाड़ में तब्दील होने की खबर सबके लिए एक खुशखबरी थी. चीन ने चुप्पी साध रखी थी. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि चीन की नवीनतम परमाणु-संचालित अटैकिंग सबमरीन पिछली वसंत ऋतु में पानी में डूब गई थी.
चीन को यह झटका तब लगा है जब वो अपनी नौसेना का विस्तार करने पर जोर दे रहा है, जिसमें परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का बेड़ा भी शामिल है. अपनी इस नाकामी को चीन ने दुनिया से छिपाने की कोशिश की और इस खबर को बाहर नहीं आने दिया. बताया जा रहा है कि चीनी पनडुब्बी मई के अंत या जून की शुरुआत में वुहान के पास एक शिपयार्ड में लाई गई थी.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन, चीन को प्रमुख विरोधी के तौर पर देखता है. अमेरिकी अधिकारियों का इस एपिसोड पर कहना है कि बीजिंग, ताइवान पर दबाव डालने और उस पर कब्जा करने की नियत से राजनीतिक और सैन्य दबाव डाल रहा है, जबकि वह एक अलग देश है.
अब चीनी अफसर खिसियासी बिल्ली बनकर खंभा नोच रहे हैं. अमेरिकी आरोपों से इतर चीन का कहना है कि विश्व स्तरीय नौसेना बनाने का उसका मकसद दूसरे देशों की आक्रामकता को रोकना और अपने हितों की रक्षा करना है. चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया.
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