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₹150000 करोड़ का साम्राज्‍य, लेकिन न बंगला, न मोबाइल, बस एक सस्ती सी कार...हैरान कर देगी इस अरबपति की कहानी

Who is  Shriram Group owner:   1.50 लाख करोड़ के मालिक राममूर्ति त्‍यागराजन सादगी वाली जिंदगी जीते हैं, साधारण परिवार से आने वाले राममूर्ति से साल 1960  में लोगों की जरूरतों को देखते हुए एक छोटी सी चिट फंड कंपनी की शुरुआत की थी

एक अरबपति ऐसा भी

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एक अरबपति ऐसा भी

 

 Shriram Group owner: अक्सर देखा है कि पैसों के साथ दिखावा साथ आ जाता है. पैसा आते ही लोग महंगी चीजें खरीदने और इस्तेमाल करने के आदी हो जाते हैं. कुछ इसे स्टेटस सिंबल का नाम दे देते हैं तो कुछ जरूरत, लेकिन आज जिनकी बात हम करने जा रहे हैं, उसके बैंक खाते में इतने पैसे हैं, जिसे खर्च करने में सालों लग जाएंगे, लेकिन दिखावा के नाम पर कुछ नहीं. 1.50 लाख करोड़ से अधिक संपत्ति के मालिक इस शख्स के पास न तो मोबाइल फोन हैं न ही लग्जरी कार और न ही आलीशान बंगला...

करोड़ों की दौलत, सिंपल लिबास

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 करोड़ों की दौलत, सिंपल लिबास

 

 

हम जिसकी बात कर रहे हैं वो हैं श्रीराम ग्रुप के फाउंडर राममूर्ति त्‍यागराजन. 1.50 लाख करोड़ के मालिक राममूर्ति त्‍यागराजन सादगी वाली जिंदगी जीते हैं, साधारण परिवार से आने वाले राममूर्ति से साल 1960  में लोगों की जरूरतों को देखते हुए एक छोटी सी चिट फंड कंपनी की शुरुआत की थी. कुछ ही सालों में छोटी की कंपनी एक जाना-माना और विशाल वित्तीय संस्थान बन गया.  

कौन हैं राममूर्ति त्‍यागराजन

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 कौन हैं राममूर्ति त्‍यागराजन

 

 87 साल राममूर्ति त्‍यागराजन ने शुरुआती पढ़ाई गांव में और कॉलेज चेन्नई में की.दो साल कोलकाता में पढ़ाई के बाद उन्होंने  न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में नौकरी कर ली. उन्होने देखा कि लोग उनसे अक्सर अपनी जरूरतों के लिए, कुछ खरीदने के लिए उधार पर पैसे मांगने आते थे. ये वो लोग थे, जिन्हें बैंक लोन नहीं देता था. खासकर ट्रक ड्राइवर और छोटे व्यवसाय जैसे कम आय वाले लोगों को बैंकों से लोन नहीं मिल पाता था. उन्होंने तय किया कि जिन्हें बैंक कर्ज नहीं देता, उन्हें वो कर्ज देंगे. इसी सोच के साथ श्रीराम ग्रुप की शुरुआत हुई.  कुछ ही सालों में ये ग्रुप एक बड़ा साम्राज्य बन गया.  

न लग्जरी कार, न मोबाइल फोन

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 न लग्जरी कार, न मोबाइल फोन

करोड़ों की दौलत होने के बावजूद वो मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करते. महंगी संपत्ति खरीदने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है.  उनके पास कोई आलीशान घर नहीं है. न ही ऑडी, मर्सिडीज बेंज, फेरारी.. जैसी लग्जरी गाड़ियां है. 6 लाख रुपये की छोटी कार सी कार से वो सफर करते हैं.  अरबपति होने के बावजूद वो साधारण कपड़े पहनते हैं. लग्जरी से खुद को कोसों दूर रखा है. उन्होंने अपने माथे पर दौलत का भूत नहीं चढ़ने दिया.  

दान देने में अव्वल

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 दान देने में अव्वल

खुद पर खर्च करने में भले ही राममूर्ति त्‍यागराजन दूर हो, लेकिन दान देने में, दूसरों की मदद करने में अव्वल है. उन्होंने 75 करोड़ डॉलर वाली एक कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचकर उस पैसे को दान कर दिया.  

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