Maldives VS Lakshadweep debate: पीएम मोदी की लक्षद्वीप दौरे की तस्वीरों ने मालदीव की टेंशन बढ़ा दी है. मालदीव को अपनी इकोनॉमी के गिरने का डर सताने लगा है. पीएम मोदी की तस्वीरों ने बौखलाए मालदीव के सामने बड़ी चुनौती अपनी इकोनॉमी की संभालने की है.
भारत पर उनकी इकोनॉमी निर्भर करती है. बिना भारत के मालदीव की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगेगा. वहां खाने की किल्लत से लेकर टूरिज्म सेक्टर धड़ाम हो जाएगा. भारत और मालदीव के बीच गहरे कारोबारी रिश्ते हैं. 3 दशक पुराने ट्रेड अग्रीमेंट के तहत मालदीव भारत से उन वस्तुओं का भी आयात करता है ,जो दूसरे देशों को निर्यात नहीं होता. मालदीव के तमाम इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में भारत का फंड लगा है.
भारत और मालदीव के बीच कारोबार में लगातार बढ़ोतरी हुई है. साल 2021 में पहली बार भारत और मालदीव के बीच कुल आयात ने 300 मिलियन डॉलर के आंकड़ें को पार किया था. साल 2021 में भारत-मालदीव के बीच 323 मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ.जिसमें से भारत ने मालदीव को 317 मिलियन डॉलर का निर्यात किया तो 5.94 मिलियन डॉलर का आयात किया. साल 2022 में यब बढ़कर 501.83 मिलियन डॉलर और मई 2023 कर 180.15 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया.
भारत और मालदीव के बीच व्यापार के आंकड़ों को देखें तो आप समझ जाएंगे कि मालदीव हमपर कितना निर्भर है. साल 2022 में भारत ने 495 मिलियन डॉलर का माल मालदीव को निर्यात किया, जबकि सिर्फ 5.94 मिलियन का माल खरीदा. मालदीव भारत के निर्यात पर निर्भर करता है. भारत से मालदीव कृषि और मुर्गीपालन उत्पाद, चीनी, फल, सब्जियां, मसाले, चावल, गेहूं का आटा, कपड़ा और दवाइयां जैसे महत्वपूर्ण वस्तुओं का आयात करता है. मैकैनिकल एप्लीकेशन, फार्मा प्रोडक्ट्स, प्लास्टिक और प्लास्टिक आर्टिकिल्स वुड और वुड प्रोडक्ट भारत मालदीव को बेचता है. अगर भारत ने मालदीव पर थोड़ी तल्खी दिखाई तो वहां खाने-पीने की दिक्कत हो जाएगी.
मालदीव का टूरिज्म सेक्टर भारत पर निर्भर है. मालदीव आने वाले विदेशियों में भारत सबसे ऊपर हैं. साल 2023 में भारत से 209198 लाख लोग मालदीव घूमने पहुंचे थे. मालदीव की इकोनॉमी पर्यटन पर निर्भर करता है. उसकी इकोनॉमी में पर्यटन सेक्टर का योगदान 28 फीसदी तक की है, वहीं फॉरेन एक्सचेंज में 60 फीसदी योगदान टूरिज्म सेक्टर का है. ऐसे में अगर भारतीयों ने मालदीव से किनारा किया तो मालदीव की अर्थव्यवस्था डामाडोल हो जाएगी.
मालदीव में लगभग 26 000 भारतीय रह रहे हैं, जो उसकी इकोनॉमी में बड़ा योगदान देते हैं. अगर दोनों देशों के बीच मनमुटाव बढ़ा तो मालदीव की अर्थव्यवस्था को झटका लगेगा. साल 2021 में भारतीय कंपनी, एफकॉन्स ने मालदीव में सबसे बड़ी इंफ्रास्क्चर ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट का काम किया. भारत ने ऑपरेशन कैक्टस 1988 के तहत तख्तापलट की कोशिश को नाकाम कर मालदीव सरकार की मदद की. ऑपरेशन नीर 2014 के तहत मालदीव को पेयजल की आपूर्ति की, ऑपरेशन संजीवनी के तहत कोविड के दौरान दवाईयों की मदद की.
ट्रेन्डिंग फोटोज़