New Army Chief news: इस साल जल्द ही भारतीय थल सेना (Indian Army), नौसेना (Navy) और डीआरडीओ (DRDO) में प्रमुखों के पदों पर नई नियुक्तियां होने वाली हैं. इस बीच लोकसभा चुनावों के बीच केंद्र सरकार ने एक असमान्य कदम उठाते हुए थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे (Army Chief Genereal Manoj Pande) को एक महीने का सेवा विस्तार दे दिया. अब वो 30 जून तक पद पर बने रहेंगे. इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि 'मंत्रिमंडल की सेलेक्शन कमेटी ने जनरल पांडे के एक महीने के सेवा विस्तार को मंजूरी दी. आर्मी चीफ का कार्यकाल बढ़ाए जाने से अब नए प्रमुख के चयन के कई विकल्प खुल गए हैं. ऐसे में अब आपको बताते हैं कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना के प्रमुख बनने के लिए अब कौन-कौन से लेफ्टिनेंट जनरल इस रेस में हैं, आइए आपको बताते हैं.
जनरल मनोज पांडे 30 जून अनात मनोज पांडे को रिटायर होंगे तो उनके दो उतराधिकारी भी उसी दिन अवकाश ग्रहण कर रहे होंगे. इस तरह केंद्र सरकार के सामने यह विकल्प खुल गया है कि वो इन दो उत्तराधिकारियों में किसी एक को नया सेना प्रमुख बनाए या तीनों को रिटायर करके उनके बाद वरिष्ठता में आने वाले तीन अन्य लेफ्टिनेट जनरलों में से किसी को चुने.
हालांकि इससे पहले सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा था कि नए चीफ की नियुक्ति को लेकर सरकार ने पांच नाम शॉर्ट लिस्ट किए हैं. उनमें सबसे वरिष्ठ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी हैं. हालांकि साउथ ब्लॉक के सूत्रों के अनुसार जनरल पांडे को विस्तार देकर सरकार ने इन अटकलों को मजबूती दे दी है कि नई नियुक्ति सिर्फ वरिष्ठता के आधार पर नहीं होगी. रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने सेना नियम 1954 के नियम 16ए(4) के तहत, थल सेना प्रमुख जनरल मनोज सी पांडे को एक महीने का सेवा विस्तार दिया है, जो उनकी रिटायरमेंट की तारीख अब 30 जून तक है.’ चुनाव के बीच सरकार ने वरिष्ठता की अनदेखी करना उचित नहीं समझा, क्योंकि ऐसा करने से विपक्ष को बैठे बिठाए बहस का एक नया मुद्दा मिल सकता था.
कयास यह भी लग है कि चुनावों के बाद सरकार नए चीफ के नाम का ऐलान कर सकती है. हालांकि नए नौसेना प्रमुख के नाम का ऐलान भी चुनावों के दौरान ही हुआ था. सेना में ज़्यादातर समय परंपरा रही है कि वरिष्ठ अधिकारी को ही चीफ बनाया जाता है. पर मौजूदा सरकार ने एकदफा आर्मी चीफ और नेवी चीफ में वरिष्ठता को दरकिनार कर जूनियर को चीफ बनाया था. इससे पहले भी इस परंपरा को एक-दो दफा तोड़ा गया था. यहां पर बात लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी की करें तो उन्हें 15 फरवरी, 2024 को उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया था. वो इससे पहले उधमपुर स्थित नॉर्दन आर्मी कमांडर के पद पर कार्यरत थे.
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के बाद वरिष्ठतम अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं जो दक्षिणी थल सेना कमांडर हैं. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे और भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून के पूर्व छात्र, लेफ्टिनेंट जनरल सिंह को दिसंबर 1984 में 7/11 गोरखा राइफल्स में नियुक्त किया गया था. आपको बताते चलें कि लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी और लेफ्टिनेंट जनरल सिंह पाठ्यक्रम सहपाठी हैं.
इस रेस में तीसरा नाम हैं लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार का. पिछले महीने लेफ्टिनेंट जनरल एम वी सुचिंद्र कुमार ने जम्मू में आतंकवाद विरोधी प्रशिक्षण की समीक्षा की थी. उन्होंने सुरक्षाबलों के बीच परिचालन तालमेल और इंटर ऑपरेबिलिटी बढ़ाने की दिशा में सेना और पुलिस के सामूहिक प्रयासों की सराहना भी की थी.
भारतीय सेना में एमवी सुचिंद्र कुमार का करियर उपलब्धियों से भरा रहा है. उनकी नियुक्ति जून 1985 में पहली असम रेजिमेंट में हुई थी. वो 59 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन (असम), इन्फैंट्री बिग्रेड और एलओसी पर इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाल चुके हैं. लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने रक्षा मंत्रालय (सेना) के मुख्यालय में मिलिट्री इंटेलीजेंस के निदेशक, अतरिक्त महानिदेशक समेत कई महत्वपूर्ण स्टाफ नियुक्तियों में काम कर चुके हैं. भारतीय सेना की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक 2021 में उन्होंने असम रेजिमेंट और अरुणाचल स्काउट्स रेजिमेंट के कर्नल की भूमिका भी निभाई थी. उन्होंने लद्दाख में भारत-चीन गतिरोध के बीच संभाली थी अहम जिम्मेदारी निभाई थी.
अगला नाम है मध्य कमान के प्रमुख एनएस राजा सुब्रमणि का.
इस रेस में पांचवा नाम है जेपी मैथ्यू. लेफ्टिनेंट जनरल मैथ्यू प्रमुख एकीकृत डिफेंस स्टाफ हैं.
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