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Gaganyaan Mission: फाइटर पायलट ही आमतौर पर क्‍यों बनते हैं एस्‍ट्रोनॉट? 4 जांबाज हीरोज से मिलिए

Astronauts for Gaganyaan: पिछले साल भारत और अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच एक समझौते के बाद, चार भारतीय वायुसेना पायलटों में से एक के नासा मिशन के हिस्से के रूप में इस साल के आखिर में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरने की संभावना है. बाकी गगनयान मिशन का हिस्सा होंगे, जो अभी अगले साल के लिए शेड्यूल है. 

मिशन गगनयान

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मिशन गगनयान

भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने के फैसले की घोषणा के छह साल बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सामने 4 चयनित अंतरिक्ष यात्रियों को पेश किया है, जो पिछले चार साल से ट्रेनिंग ले रहे हैं. ये चार भारतीय एयरफोर्ट के जाबांज हैं - ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर (47), अंगद प्रताप (41), अजीत कृष्णन (41) और विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला (38), ये सभी भारतीय वायु सेना के अधिकारी हैं. 

प्रशांत बालकृष्णन नायर

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प्रशांत बालकृष्णन नायर

26 अगस्त, 1976 को केरल के तिरुवज़ियाड में जन्मे ग्रुप कैप्टन  प्रशांत बालकृष्णन नायर की जर्नी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में पढ़ाई के बाद शुरू हुई. 19 दिसंबर 1998 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन पाने के बाद से उनके पास दुर्जेय Su-30 MKI, मिग-21 और मिग-29 सहित अलग अलग बेड़े में लगभग 3,000 घंटे की उड़ान का एक्सपीरिएंस है.

 

अंगद प्रताप

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अंगद प्रताप

17 जुलाई 1982 को प्रयागराज में जन्मे ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप एनडीए के स्टूडेंट रह चुके हैं और उन्होंने 18 दिसंबर 2004 को भारतीय वायु सेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त किया था. अंगद प्रताप एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और एक टेस्ट पायलट हैं जिनको लगभग 2000 घंटे के उड़ान का एक्सपीरिएंस है. उन्होंने कई तरह सुखोई, मिग-21, मिग-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, एएन-32 जैसे विमान उड़ाए हैं. 

शुभांशु शुक्ला

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शुभांशु शुक्ला

10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में जन्मे विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला भी एनडीए के छात्र रहे हैं. उन्होंने 17 जून 2006 को भारतीय वायु सेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन प्राप्त किया था. शुक्ला एक फाइटर कोम्बेट लीडर और एक टेस्ट पायलट हैं जिनको लगभग 2000 घंटे का विमान उड़ाने का अनुभव है.

ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन

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ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन

ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन का जन्म 19 अप्रैल 1982 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था. वह एनडीए के पूर्व छात्र हैं और वायु सेना अकादमी में राष्ट्रपति के गोल्ड मडलिस्ट और स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित हैं.  21 जून 2003 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था. वह फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं और उनके पास लगभग 2900 घंटे की उड़ान का एक्सपीरिएं है.

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