Twin Village Of India: हर साल 18 दिसंबर को नेशनल ट्विंस डे मनाया जाता है जिसका मकसद जुड़वा भाई और बहनों के यूनिक कनेक्शन को सपोर्ट करना है. आइडेंटिकल ट्विंस को देखना कई लोगों के लिए काफी एक्साइटिंग होता है, लेकिन भारत में एक ऐसा गांव हैं जहां ट्विन बदर्स और सिस्टर्स इतने आम हैं कि आपको हर गली और नुक्कड़ में जुड़वां लोग मिल जाएंगे.
भारत के सुदूर दक्षिण के राज्य केरल (Kerala) के मल्लापुरम (Malappuram) जिले में एक छोटा गांव है कोडिन्ही (Kodinhi) जिसे 'ट्विन विलेज ऑफ इंडिया' (Twin Village Of India) या 'ट्विन टाउन' कहा जाता है.
इस गांव में 200 से भी ज्यादा जुड़वा बच्चों की जोड़ियां मौजूद हैं, यहां ट्विंस बच्चों का जन्मदर सबसे ज्यादा है, दुनियाभर के वैज्ञानिक इस पहेली को सुलझाने में लगे हैं, लेकिन अब तक उन्हें कोई पुख्ता जवाब नहीं मिल पाया है.
ये एक आम गांव की तरह दिखता है, लेकिन जैसे आप यहां की सड़कों पर टहलने निकलेंगे वैसे-वैसे आपको एक जैसे दो-दो चेहरे नजर आने लगेंगे. आपको यकीन करना मु्श्किल होगा कि इतने जुड़वां एक ही जगह पर कैसे मौजूद हैं
कोडिन्ही एक मुस्लिम बहुल गांव है जो कोच्चि से तकरीबन 50 किलोमीटर दूर है. इस गांव में 2000 से ज्यादा परिवार रहते हैं. लेकिन 200 से ज्यादा जुड़वां जोड़ियां हर किसी को हैरान करती है.
अच्छी बात ये है कि इन जुड़वा बच्चों को जन्म के समय या बाद में किसी भी मेंटल या फिजिकल डिसेबलिटी का सामना करना पड़ा, यहां तक कि इन ट्विंस की माओं को भी सेहत से जुड़ी कोई भी परेशानी हुई है.
कोडिन्ही गांव में हर हजार बर्थ में से 45 बच्चे जुड़वां पैदा लेते हैं, इस तरह ये दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा ट्विंस पैदा करने वाला गांव है. बता दें कि नाइजीरिया (Nigeria) का इग्बो-ओरा (Igbo-ora) गांव में प्रति हजार में से 145 बच्चे जुड़वां पैदा होती है, इसलिए ये 'ट्विन कैपिटल ऑफ द वर्ल्ड' कहलाता है
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