Upcoming Space Missions 2025: बीता साल अंतरिक्ष के क्षेत्र में यादगार रहा. कई यादगार वैज्ञानिक खोजों ने ब्रह्मांड के कई रहस्यों से पर्दा उठाया तो कुछ ऐतिहासिक मिशन भी लॉन्च किए गए. 2025 और भी रोमांचक होने जा रहा है. भारत का ISRO और अमेरिका का NASA मिलकर पहली बार कोई स्पेसक्राफ्ट लॉन्च करेंगे. जनवरी में चंद्रमा पर दो बार लैंडिंग की कोशिश होगी. एलन मस्क की कंपनी SpaceX भी अपने दो स्टारशिप के बीच प्रोपेलेंट्स के ट्रांसफर की क्षमता हासिल करने की कोशिश करेगी. यूरोप एक रोबोटिक स्पेस लैबोरेटरी लॉन्च करेगा और नासा का Juno स्पेसक्राफ्ट शायद जुपिटर के घने वायुमंडल में जलकर भस्म हो जाए! एक नजर, 2025 के आगामी सबसे रोमांचक 5 अंतरिक्ष मिशनों पर.
2025 के पहले महीने में ही, टेक्सास स्थित फायरफ्लाई एयरोस्पेस 'घोस्ट राइडर्स इन द स्काई' मिशन लॉन्च करेगा. इसका मकसद 10 नासा पेलोड्स के साथ एक लूनर लैंडर को चंद्रमा पर पहुंचाना है. यह लैंडर मोंस लाट्रेयल नामक ज्वालामुखीय क्षेत्र में उतरेगा, जो चंद्रमा के नजदीकी हिस्से पर स्थित है और लगभग 3 अरब साल पहले ज्वालामुखीय विस्फोटों से बना था.
ब्लू घोस्ट 1 नामक यह लैंडर चंद्रमा की एक दिन की अवधि (लगभग 14 पृथ्वी दिन) के दौरान चंद्रमा की सतह की संरचना, सौर वायु के साथ उसकी प्रतिक्रिया, और पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव की स्टडी करेगा. मिशन के आखिर में, यह चंद्रमा के सूर्यास्त की तस्वीरें लेगा और उस समय होने वाले बदलावों का डेटा जमा करेगा.
टेक्सास की ही Intuitive Machines कंपनी फरवरी में अपने IM-2 स्पेसक्राफ्ट को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की योजना बना रही है. यह अंतरिक्षयान ड्रिल और मास स्पेक्ट्रोमीटर की सहायता से सतह पर मौजूद वाष्पशील यौगिकों का एनालिसिस करेगा. साथ ही, यह लूनर ट्रेलब्लेजर नामक एक छोटे सैटेलाइट को भी ले जाएगा, जो चंद्रमा पर संभावित जल भंडारों का मैप बनाएगा. इससे भविष्य के आर्टेमिस मिशनों के लिए सही लैंडिंग साइट्स की पहचान की जा सकेगी.
2025 में, नासा और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) संयुक्त रूप से एक पृथ्वी विज्ञान मिशन (NISAR) लॉन्च करेंगे. यह मिशन पृथ्वी की सतह की विस्तृत मैपिंग करेगा, जिससे प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन, और पर्यावरणीय परिवर्तनों की बेहतर समझ विकसित होगी.
नासा का जूनो स्पेसक्राफ्ट 2016 से जुपिटर की परिक्रमा कर रहा है. यह 2025 में अपने एक्सटेंडेड मिशन के तहत, जुपिटर के घने वायुमंडल में प्रवेश करेगा और जलकर नष्ट हो जाएगा. इस आखिरी मिशन में, जूनो जुपिटर के वातावरण, चुंबकीय क्षेत्र, और अन्य विशेषताओं के बारे में महत्वपूर्ण डेटा जुटाएगा, जो हमारे सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह की समझ को और गहरा करेगा.
SpaceX मार्च 2025 में अपने स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट्स के बीच कक्षा में प्रोपेलेंट ट्रांसफर का एक अहम टेस्ट करने की तैयारी में है. इस टेस्ट में, दो स्टारशिप वीइकल लॉन्च किए जाएंगे, जिनमें से दूसरा पहले वाले के लिए फ्यूल टैंकर की भूमिका निभाएगा. यह टेस्ट यह दिखाने के लिए जरूरी है कि स्टारशिप का इस्तेमाल चंद्रमा और भविष्य में मंगल तक पहुंचने के लिए कैसे किया जा सकता है.
2025 के आखिर में, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) एक बिना क्रू वाली रोबोटिक लैबोरेटरी लॉन्च करेगी. इसका मकसद अंतरिक्ष में अलग-अलग वैज्ञानिक प्रयोग करना है. यह मिशन अंतरिक्ष में जीवन की संभावनाओं, नई टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग, और अन्य ग्रहों पर मानव की मौजूदगी के लिए जरूरी उपकरणों के विकास में अहम भूमिका निभाएगा.
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