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सफर हुआ छोटा, दूरी हुई कम, साल 2023 में देश को मिला इन 10 एक्सप्रेसवे का तोहफा

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी बार-बार इस बात पर जोर देते हैं कि साल 2024 तक भारत का रोड इंफ्रास्ट्रक्चर अमेरिका के बराबर हो जाएगा। इस दिशा में काम भी तेजी से हो रहे है।  भारत में सड़कों, हाईवे, एक्सप्रेस का जाल तेजी से फैल रहा है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 12500 किमी हाईवे-एक्सप्रेसवे बनाने की योजना पर काम कर रही है। जिसमें से कई हाईवे, एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया जा चुका है, कुछ अपने अंतिम चरण में है। साल 2023 में भारत को इन 10 हाईवे-एक्सप्रेस का तोहफा मिला।  

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे

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 दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे

साल 2023 के सबसे चर्चित एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे  1382 किलोमीटर का है। इस एक्सप्रेस ने दो महानगरों दिल्ली और मुंबई को जोड़ने का काम किया है। दिल्ली से मुंबई के बीच सड़क यात्रा के सफर को कम कर इसने 12 घंटे कर दिया। प्रोजेक्ट की लागत करीब 1 लाख करोड़ रुपये की है।  इस एक्सप्रेसवे पर गाड़ियों की रफ्तार 120 किमी प्रति घंटे की है। 

दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे

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 दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे

पीएम मोदी ने इस साल फरवरी में किया था। दिल्ली से जयपुर की 229 किमी के लंबे इस एक्सप्रेस ने राजधानी दिल्ली से जयपुर के सफर को दो घंटे का बना दिया।   यह एक्सप्रेस वे 1,386 किलोमीटर लंबाई वाले दिल्ली-मुंबई मेगा एक्सप्रेसवे का हिस्सा है।  

बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे

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 बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे

12 मार्च 2023 को पीएम मोदी ने बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेस का तोहफा देश को दिया।  8,480 करोड़ रुपये की लागत से बने 118 किमी लंबे इस एक्सप्रेस ने बेंगलुरु से मैसूर की दूरी को 3 घंटे से घटाकर मात्र 75 मिनट कर दिया। इस एक्सप्रेसवे की वजह से ऊटी, वायनाड, कोझिकोड, कूर्ग और कन्नूर का सफर आसान हो गया।  

 

दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे

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 दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे

इस साल अक्टूबर में पीएम मोदी ने दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया।  इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से दिल्ली और वडोदरा का सफर आसान हो गया। जिस सफर को तय करने में 15 से 17 घंटे लग जाते थे, अब उसे 10 घंटे में पूरा किया जा सकता है।  

 

द्वारका एक्सप्रेसवे

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 द्वारका एक्सप्रेसवे

हरियाणा के गुरुग्राम राजधानी दिल्ली के पश्चिमी हिस्से को कनेक्ट करने वाला  29 किमी लंबा एलिवेटेड एक्सप्रेस बनकर तैयार है। जिसमें से 18.9 किमी गुरुग्राम में और 10.1 किमी दिल्ली में है।  यह एक्सप्रेसवे एनएच 8 की भारी भीड़ से निजात दिलाएगा। दिल्ली , नोएड से गुरुग्राम जाने-आने वालों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। 8662 करोड़ की लागत से बने इस 8 लेन से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को बड़ी सुविधा मिली है। 

 

मुंबई- नागपुर एक्सप्रेसवे

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 मुंबई- नागपुर एक्सप्रेसवे

 मुंबई और पुणे को जोड़ने वाली ये एक्स्प्रेस-वे करीब 701 किमी लंबी है। जो करीब 390 गांवों, दस जिलों को जोड़ती है।  नागपुर, कल्याणा, औरंगाबाद, नासिक, शिरडी, वर्धा जैसे शहर इस एक्सप्रेसवे से आसानी से जुड़ सकेंगे।  इस एक्सप्रेस की मदद से नागपुर से मुंबई के बीच 14-15 घंटे का सफर 8 घंटों में पूरा होगा  55 हजार करोड़ की लागत से बने इस 6 लेन एक्सप्रेसवे  ने लोगों के सफर को आसान बना दिया है।  

बेंगलुरु चेन्नई एक्सप्रेसवे

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 बेंगलुरु चेन्नई एक्सप्रेसवे

 बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे का काम लगभग पूरा हो चुका है।  17000 करोड़ रुपये की लागत से बने नई ग्रीनफील्ड परियोजना बेंगलुरु से चेन्नई एक्सप्रेसवे पर वाहनों की आवाजाही मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी।   चार लेन वाला ये एक्सप्रेसवे दो बड़े राज्यों की राजधानी को जोड़ने का काम करेगी।  260 किमी लंबे इस एक्सप्रेस पर गाड़ियों की रफ्तार 120  किमी प्रति घंटे की होगी।  

अमृतसर जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे

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 अमृतसर जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे

भारतमाला परियोजना के तहत बने 6 लेन वाले अमृतसर जामनगर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे एक एक भाग की शुरुआच हो चुकी है।  8 जुलाई 2023 को पीएम मोदी ने इस ग्रीनफिल्ड के राजस्थान वाले हिस्से का उद्घाटन कर दिया।  देश के 4 राज्यों पंजाब , राजस्थान, हरियाणा और गुजरात को जोड़ने इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 917 किमी की है।  पूरी परियोजना दिसंबर 2025 तक पूरी हो जाएगी।  इसके बनने के बाद पंजाब से गुजरात पहुंचने में बस 12 घंटे लगेंगे।  

 

रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे

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 रायपुर-विशाखापत्तनम एक्सप्रेसवे

रायपुर विशाखापत्तनम कॉरिडोर का तोहफा जल्द मिलने वाला है।  6 लेन वाला 464 किमी एक्सप्रेसवे  छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश से होते हुए गुजरता है।  यह हाईवे 14 घंटे के सफर को 7 घंटे में पूरा कर देगा।   

गंगा एक्सप्रेसवे

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 गंगा एक्सप्रेसवे

594 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के जरिए पूर्वी यूपी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बढ़ाया जाएगा।  जिस रफ्तार से काम हो रहा है, माना जा रहा है कि साल 2025 में लगने वाले महाकुंभ से पहले इसका काम पूरा हो जाएगा।  इसके बनने के बाद मेरठ से प्रयागराज की दूरी 12 घंटे से घटकर 6 घंटे की रह जाएगी।  

 

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