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टैरिफ की धमकी, ड्रैगन विरोधी नेताओं को कैबिनेट में जगह, अब जिनपिंग को न्योता, आखिर ट्रंप की क्या है प्लानिंग?

US-America Relations: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को शपथ लेंगे. लेकिन उससे पहले एक ऐसी खबर सामने आई है, जो पूरी दुनिया के लिए हैरान कर देने वाली है. अपने शपथ ग्रहण समारोह में ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को भी न्योता दिया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, 5 नवंबर को नतीजे आने के कुछ दिन बाद ही ट्रंप ने शी को न्योता दे दिया था. हालांकि यह पता नहीं चल पाया है कि शी जिनपिंग ने न्योता स्वीकार किया या नहीं. 

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अगर शी जिनपिंग यह न्योता मंजूर करते हैं तो वह किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने वाले पहले चीनी नेता बन जाएंगे.

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 विदेश मंत्रालय के रिकॉर्ड्स के मुताबिक, आखिरी बार कोई विदेशी राष्ट्राध्यक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में 1874 में आया था. आमतौर पर विदेशी गणमान्य व्यक्ति और राजनयिक इस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर अपने-अपने देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप का प्लान यूएस कैपिटॉल में अपने शपथग्रहण समारोह में दुनिया के कई ताकतवर नेताओं को बुलाने का है. सीबीएस की रिपोर्ट की मानें तो हंगरी के प्रधानमंत्री और ट्रंप के पुराने साथी विक्टर ऑर्बन भी शपथग्रहण समारोह में आने को लेकर विचार कर रहे हैं. 

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ट्रंप टीम के प्रवक्ता के मुताबिक, विश्व के नेता होने वाले राष्ट्रपति से बात करने के लिए कतार में खड़े हैं. ट्रंप की प्रवक्ता कैरोलिन लेविट ने कहा, 'दुनिया के नेता राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने के लिए कतार में खड़े हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि वे जल्द ही सत्ता में वापस आएंगे और अमेरिकी ताकत के माध्यम से दुनिया भर में शांति बहाल करेंगे.'

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ध्यान देने वाली बात है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पहले ही पेरिस में नोट्रे डेम कैथेड्रल के फिर से खुलने पर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडोमिर ज़ेलेंस्की और प्रिंस विलियम के साथ ट्रंप की मेज़बानी की है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी टैरिफ पर चर्चा करने के लिए फ्लोरिडा के मार-ए-लागो में ट्रंप के साथ बैठक की थी.

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अपने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने कहा था कि 'उनका चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बेहद मजबूत रिश्ता है.' हालांकि, अपने कैबिनेट में चीन-विरोधी नेताओं को जगह देने के बाद से दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार संबंधों को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. ताइवान के मुद्दे पर ट्रंप ने कसम खाई है कि अगर चीन उस पर हमला करता है तो वह 150 प्रतिशत से 200 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे.

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वहीं रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के शीर्ष अधिकारी और पॉलिसीमेकर्स ट्रंप की टैरिफ धमकियों के मद्देनजर साल में युआन को कमजोर करने की सोच रहे हैं. चुनाव के तुरंत बाद, ट्रंप ने 10 प्रतिशत यूनिवर्सल इंपोर्ट टैरिफ लगाने और संयुक्त राज्य अमेरिका में चीनी आयात पर 60 प्रतिशत शुल्क लगाने की योजना का ऐलान किया था.

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