IFS Prince Kumar Singh: पढ़ाई-लिखाई में अव्वल प्रिंस कुमार ने मेहनत की बदौलत बिना कोचिंग ही कई बड़ी परीक्षाएं पास की. पहले एनआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई, फिर प्राइवेट सेक्टर में जॉब से लेकर सरकारी नौकरी पाने तक का सफर तय करना उनके लिए इतना आसान नहीं था. इस सफर में वह कई बार लड़खड़ाएं भी, लेकिन पीछे नहीं हटे. यहां पढ़िए IFS ऑफिसर प्रिंस कुमार सिंह की सक्सेस स्टोरी...
बिहार के रहने वाले प्रिंस कुमार ने संसाधनों की कमी का रोना नहीं रोया और बिना कोचिंग के कई प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की. परिवार के आर्थिक हालात अच्छे नहीं थे, लेकिन उनके सपने बहुत बड़े थे. अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रिंस ने दोगुनी मेहनत की.
इस मुश्किल सफर में जब भी प्रिंस के कदम लड़खड़ाए और हौसला डगमगाया तो दोस्तों और परिवार ने उन्हें मोटिवेट किया. उनकी मेहनत और अपनों का विश्वास का ही नतीजा है कि उन्होंने सरकारी नौकरी हासिल करने का सपना पूरा किया. प्रिंस ने यूपीएससी समेत कई अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं में सफलता पाई.
बिहार के रोहतास में जन्मे प्रिंस कुमार सिंह एक लोअर मिडिल क्लास फैमिली से आते हैं. उनके पिता असम राइफल्स में हवलदार और मां गृहिणी हैं. प्रिंस ने कैमूर जिले में स्थित भभुआ से स्कूलिंग की है. इसके बाद एनआईटी जालंधर से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया. साल 2020 में डिग्री पूरी होने के बाद प्रिंस गुजरात में केमिकल इंडस्ट्री में काम किया. कुछ महीने यहां नौकरी करने के बाद 2021 में उन्होंने जॉब छोड़ दी और यूपीएससी परीक्षा देने का फैसला लिया.
एक साल तक उन्होंने कई प्रतियोगी परीक्षाएं दीं, लेकिन हर बार असफल ही रहे. प्रिंस दो साल तक कठिन मेहनत की और उन्होंने SSC CGL 2022 में ऑल इंडिया रैंक 177 हासिल की थी और उन्हें दिल्ली में असिस्टेंट ऑडिट ऑफिसर के पद पर पोस्टिंग मिली. इसके बाद 222 रैंक के साथ 67वीं बीपीएससी परीक्षा पास की और उन्हें बीडीओ की नौकरी मिली. इसके बाद दो बार सीएपीएफ एसी का रिटेन टेस्ट निकाला, लेकिन फाइनल लिस्ट में जगह नहीं बना पाए. साल 2023 में यूपीएससी सिविल सेवा इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे और इसी साल यूपीएससी भारतीय वन सेवा की परीक्षा में 15वीं रैंक भी हासिल कर ली.
पहले दो प्रयासों में प्रिंस प्रीलिम्स भी नहीं क्लियर कर पाए थे. घर के हालात ऐसे नहीं थे कि कोचिंग जॉइन कर सकें, क्योंकि यूपीएससी कोचिंग की फीस बहुत ज्यादा होती है. वह बताते हैं कि मेंस के दौरान वह टेस्ट सीरीज भी जॉइन नहीं कर पाए थे, लेकिन हौसला नहीं टूटने दिया. यूपीएससी टॉपर्स की आंसर-शीट और पिछले साल के पेपर्स के जरिए प्रिंस तैयारी में जुटे रहे. उन्होंने केवल इंटरव्यू के लिए कोचिंग जॉइन की थी.
प्रिंस CAPF कमांडेंट के फिजिकल टेस्ट में शॉटपुट में फेल हो गए थे. वह बताते हैं कि उन्होंने इस परीक्षा के लिए बहुत मेहनत की थी. अब प्रिंस दिल्ली जाकर यूपीएससी की कोचिंग फीस अफोर्ड नहीं कर सकते थे. इसलिए उन्हें लगा कि यह परीक्षा क्रैक करना उनके बस की बात नहीं है. इसके बाद प्रिंस टीचिंग फील्ड में करियर बनाने के बारे में सोचने लगे थे, लेकिन फिर उनके दोस्तों और घरवालों ने उनका मोटिवेट और सपोर्ट किया. इसके बाद उन्होंने फिर से यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी.
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में उनका ऑप्शनल सब्जेक्ट सोशियोलॉजी था, लेकिन उन्होंने इंडिय फॉरेस्ट सर्विस में केमिकल इंजीनियरिंग और फॉरेस्ट्री को चुना. केमिकल इंजीनियरिंग से पढ़ाई करने के चलते उनके लिए ये आसान सब्जेक्ट था.
एक इंटरव्यू में प्रिंस ने बताया था कि उन्हें सिविल सर्विस में जाने का विचार कोविड महामारी के दौरान आया था, जब उन्होंने कोटा और पटना के कलेक्टर्स को इस मुश्किल दौर में बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाते देखा था, तभी उन्हें डीएम पद की पावर का अहसास हुआ था.
वर्तमान में वह ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर की ट्रेनिंग ले रहे हैं. यूपीएससी की ओर से ऑफर लेटर मिलते ही प्रिंस आईएफएस की ट्रेनिंग के लिए मसूरी स्थित LBSNAA चले जाएंगे. प्रिंस का यह सफर बेहद मुश्किल भरा था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और आखिरकार कामयाबी हासिल कर ही ली.
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