Vat Savitri Purnima 2024: हिंदू धर्म में वट सावित्री व्रत का बहुत महत्व है. यह व्रत साल में 2 बार रखा जाता है. पहला वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को और दूसरा ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को रखा जाता है. इस साल वट सावित्री पूर्णिमा 21 जून को है. महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं.
पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा 21 जून की सुबह 07:31 पर प्रारंभ होगी और 22 जून की सुबह 06:37 पर समाप्त होगी. चूंकि वट सावित्री व्रत की पूजा अभिजीत मुहूर्त में की जाती है और यह 21 जून को पड़ेगा इसलिए वट सावित्री पूर्णिमा व्रत 21 जून 2024, शुक्रवार को रखा जाएगा.
वट सावित्री पूर्णिमा पर पूजा के 3 शुभ मुहूर्त हैं. पहला मुहूर्त, सुबह 7 बजकर 8 मिनट से 8 बजकर 53 मिनट तक. दूसरा मुहूर्त, सुबह 8 बजकर 53 मिनट से 10 बजकर 38 मिनट तक और तीसरा पूजा मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से 2 बजकर 7 मिनट तक.
वट सावित्री व्रत के दिन सुबह जल्दी स्नान करके लाल या पीले रंगे के कपड़े पहनें. फिर वट वृक्ष की पूजा करें. इसके लिए पहले बरगद के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं. फूल, अक्षत, गुड़ भीगे हुए चने, मिठाई आदि अर्पित करें. वट वृक्ष के चारों ओर सूत लपेटते हुए 7 बार परिक्रमा करें. वट सावित्री व्रत की कथा सुनें और फिर प्रणाम करें. इस दिन क्षमतानुसार दान जरूर करें.
वट सावित्री पूर्णिमा व्रत के दिन पति-पत्नी तामसिक चीजों, मांस-मदिरा का सेवन ना करें. महिलाएं काले, भूरे, नीले रंग के कपड़े ना पहनें. किसी से अपशब्द ना कहें.
वट सावित्री व्रत का बहुत महत्व है. सत्यवती अपने तप की दम पर पति सत्यवान का जीवनदान पा लिया था. तभी से पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखा जाता है. इससे वैवाहिक सुख और समृद्धि भी मिलती है.
(Dislaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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