Who is Rami Reddy: कुछ कहानियां ऐसी होती है जो इंसान की रूह कंपा देती है. ये कहानी भी कुछ ऐसी ही है. जिसे पढ़ने के बाद आप भी एक्टर की हिम्मत की दाद देंगे. जो एक्टर सारी जिंदगी अच्छी अच्छी फिल्में देकर अपने फैंस को खुश करना चाहता था, उसके साथ दर्दनाक हुआ. चलिए बताते हैं कहानी मशहूर विलेन रामी रेड्डी की.
कहानी ऐसे बॉलीवुड विलेन की. जिन्होंने फिल्मों में गुंडा बनकर हर किसी को हैरान कर दिया. 250 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. वह एक ऐसे एक्टर थे जो ताउम्र एक्टिंग कर अपने फैंस को खुश करना चाहते थे. मगर कहते हैं न अनहोनी को कौन टाल सकता है. आखिर में कुछ ऐसा हाल हो गया था कि वह सूखकर कांटा जैसे हो गए. फिर इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
ये कहानी है मशहूर विलेन रामी रेड्डी की. जिनका पूरा नाम गंगासानी रामी सेड्डी था. उनका जन्म आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के वाल्मीकिपुरण गांव में हुआ. उन्होंने हैदराबाद के उस्मानिया यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की डिग्री ली थी. एक वक्त था जब उन्होंने पत्रकार के रूप में काम भी किया.
मगर रामी रेड्डी का मन तो कुछ और ही था. उन्होंने नौकरी छोड़कर फिल्मों में ट्राई किया. उनकी शुरुआत हुई साउथ सिनेमा से. साल 1989 में तेलुगू फिल्म अंकुशम से की. उनका एक डायलॉग भी इस फिल्म में काफी पॉपुलर हुआ था. उनके द्वारा निभाया गया विलेन का रोल इतना फेमस हो गया कि हिंदी रीमेक में 'अन्ना' के रूप में वह फिर से आए. इस तरह वह बॉलीवुड के 'अन्ना' बनकर छा गए.
रामी रेड्डी का जन्म 1 जनवरी 1959 में हुआ. उन्होंने हिंदी के अलावा तेलुगू, तमिल, भोजपुरी और मलयालम सिनेमा में भी खूब काम किया. इतना ही नहीं कुछ फिल्में डायरेक्ट और प्रोड्यूस भी की. मगर वह मशहूर हुए खूंखार विलेन के रूप में.
वैसे तो उन्होंने करियर में 250 से ज्यादा फिल्में की. कभी वह 'वक्त हमारा है' के 'कर्नल चिकारा' के रूप में छा गए तो कभी '420' के 'रंका'. इसके अलावा 'दिलवाले' के 'गून', 'लोहा' में 'टकला', 'दादा' में 'यशवंत' से लेकर 'अंजी' में 'गुरुजी' बनकर उन्होंने ऐसी छाप छोड़ी कि ये फिल्में आज भी उनके द्वारा नेगेटिव किरदार की वजह से छाई रही.
उनके शानदार काम को देखते हुए उन्हें Ankusam फिल्म के लिए बेस्ट विलेन नंदी अवॉर्ड मिला था. कई बार रामी रेड्डी ने कहा था कि वह एक्टिंग करना काफी पसंद करते हैं. उनकी ख्वाहिश है कि वह बस यूं ही काम करते रहे और दर्शकों को खुश रखे. मगर देखते ही देखते उनके साथ कुछ ऐसा हुआ कि सब पलट गया.
रामी रेड्डी को लिवर कैंसर हो गया था. अंत में उनकी हालत ऐसी हो गई थी कि पहचान पाना भी मुश्किल हो गया था. बीमारी के चलते वह काफी पतले और दुबले हो गए थे. लिवर के साथ साथ किडनी की परेशानियां भी बढ़ने लगी थी.
24 अप्रैल 2001 वो दिन था जब रामी रेड्डी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उनकी फैमिली की बात करें तो उनके तीन बच्चे हैं. हालांकि वाइफ से जुड़ी ज्यादा जानकारी नहीं मिलती है.
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