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इंसानों के पीछे कब पड़ते हैं भेड़िए, जानें हैरान कर देने वाले Wolf से जुड़े 6 इंटरेस्टिंग फैक्ट्स

Wolves Attack In UP: यूपी के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक चरम पर है. अब तक दर्जन भर से ज्यादा लोग भेड़ियों का शिकार बन चुके हैं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि, भेड़िया आमतौर पर इंसानों से दूर रहना पसंद करते हैं. लेकिन उत्तरप्रदेश के जिलों में भेड़ियों के झुंड को देखकर इस बात पर भरोसा करना मुश्किल है. तो चलिए आपको समझाते हैं, गांव में भेड़िए के बार-बार घूसने की पूरी कहानी.

भेड़ियों का खाना इंसान नहीं, पर..

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भेड़ियों का खाना इंसान नहीं, पर..

भेड़िए आमतौर पर इंसानों से दूर रहना ही पसंद करते हैं. भेड़िए तब तक इंसान के पास नहीं आते या उनका शिकार नहीं करते, जब तक उन्हें इंसानी परिवेश की इसकी आदत ना हो. इसलिए भेड़िए से दूरी बनाए रखना जरूरी होता है.

भेड़िए को फंसाना मुश्किल

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भेड़िए को फंसाना मुश्किल

भेड़ियों का दिमाग बहुत तेज चलता है. इन्हें फंसा पाना बिल्कुल भी आसान काम नहीं होता है, क्योंकि यह तुरंत पैटर्न को पहचान लेते हैं. चालाक होने के साथ ही यह बहुत ही शातिर शिकारी होते हैं.

भेड़िया हमेशा झुंड में रहते हैं

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भेड़िया हमेशा झुंड में रहते हैं

इंसान की तरह भेड़िया भी एकजुट रहना पसंद करते हैं. सारे भेड़िए मिलकर बच्चों की परवरिश करते हैं. इतना ही नहीं प्रेगनेंसी में सारी मादा भेड़िया मिलकर एक-दूसरे का ख्याल रखती हैं. वहीं, नन भेड़ियों की जिम्मेदारी शिकार लाने की होती है.

शिकार नहीं लाने पर पैक से बाहर

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शिकार नहीं लाने पर पैक से बाहर

भेड़िए मिलकर शिकार करते हैं. यदि पैक का कोई सदस्य अपने भोजन की व्यवस्था नहीं कर पाता है, तो उसे तो मार दिया जाता है या पैक से बेदखल कर दिया जाता है.  

बुजुर्ग भेड़ियों का सम्मान

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बुजुर्ग भेड़ियों का सम्मान

भेड़ियों के समुदाय में बुजुर्ग भेडियों को पूरा सम्मान दिया जाता है. जब पैक के युवा भेड़िए शिकार करके लाते हैं, तो पहले इसे उम्रदराज भेड़ियों के सामने रखा जाता है.

 

हर दिन एक नया गांव निशाने पर

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हर दिन एक नया गांव निशाने पर

​बहराइच में वन विभाग की टीमें रोज नए-नए चक्रव्यूह रच रही हैं. लेकिन आदमखोर भेड़िये माइंडगेम में वन विभाग की टीम से भी दो कदम आगे चल रहे हैं. भेड़िया लगातार नए गांवों को निशाना बना रहा है. पहले आदमखोर भेड़ियों की रेंज 35 गांव तक थी..जो अब बढ़कर 52 गांव तक पहुंच गई है. पहले भेड़ियों के शिकार का दायरा 40 किलोमीटर का था..लेकिन अब भेड़िये 60 किलोमीटर की रेंज में हमले कर रहे हैं.

जिंदा या मुर्दा

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जिंदा या मुर्दा

अब ये साफ हो चुका है कि खतरे को भांपते हुए आदमखोर भेड़ियों ने अपनी स्ट्रेटजी में बड़ा बदलाव किया है. भेड़िये अब घनी आबादी की तरफ रुख कर गये हैं. सीएम योगी ने भेड़ियों को पकड़ने के लगातार असफल प्रयास को देखते हुए, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को जिंदा या मुर्दा भेड़ियों को पकड़ने का आदेश दिया है. 

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