Biggest Traffic jam in world: दिल्ली-एनसीआर में ऑफिस के लिए निकलना हो तो लोग समय से 20-25 मिनट एक्सट्रा लेकर चलते हैं. बेंगलुरु जैसे शहरों में लोगों की आधी जिंदगी ट्रैफिक जाम में बीत जाती है. ट्रेन या फ्लाइट पकड़नी हो तो समय से पहले घर से निकलना पड़ता है.
World Longest Traffic Jam: दिल्ली-एनसीआर में ऑफिस के लिए निकलना हो तो लोग समय से 20-25 मिनट एक्सट्रा लेकर चलते हैं. बेंगलुरु जैसे शहरों में लोगों की आधी जिंदगी ट्रैफिक जाम में बीत जाती है. ट्रेन या फ्लाइट पकड़नी हो तो समय से पहले घर से निकलना पड़ता है. कब आप ट्रैफिक जाम के झाम में फंस जाएं पता नहीं. एक बार जाम में फंसे तो समझो पूरा दिन खराब हो गया. अगर आप घंटेभर जाम में फंस जाते हैं तो घुटन होने लगती है, लेकिन आज जिस जाम के बारे में हम बताने जा रहे हैं, वहां लोग 12 दिनों तक जाम में फंसे लगे.
जिस ट्रैफिक जाम में आप कुछ मिनटों तक फंसने के बाद कुछ ही देर में बेचैन होने लगते हैं जरा सोचिए अगर वहीं जाम 12 दिनों तक लगा रह जाए तो कैसा महसूस होगा. सोच कर भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं, लेकिन ऐसा सच में हुआ है. 12 दिन तक लोग जाम में ऐसे फंसे रहे कि गाड़ियां जस से मस तक नहीं हुई. लोगों की जिंदगी उस जाम में मानो अटक सी गई थी. पूरा शहर थम गया. जाम ऐसा कि उसे खत्म करने में 12 दिन लग गए.
साल 2010 में चीन की राजधानी बीजिंग में दुनिया के सबसे लंबे ट्रैफिक जाम लगा. बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेस वे (China National Highway 110) पर, ऐसा ट्रैफिक जाम लगा कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था. लगभग 100 किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया. 12 दिनों तक गाड़ियां और गाड़ी में बैठे लोग सड़क पर फंसे रह गए. यह जाम पूरी दुनिया के इतिहास में अब तक का सबसे लंबा जाम है. जहां तक निजर जा रही थी, वहां सिर्फ गाड़ियां ही गाड़ियां दिख रही थी.
14 अगस्त 2010 को बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेस वे पर दुनिया का सबसे लंबा जाम फंसा था. जाम इतना लंबा था कि 12 दिनों तक लोग गाड़ियों में फंसे रह गए. वहीं पर खाया, वहीं पिया और ट्रैफिक जाम में ही सोना भी पड़ा. लोगों की गाड़ियां हिल तक नहीं रही थी. सिर्फ कुछ सुनाई दे रहा था तो सिर्फ गाड़ियां का हॉर्न और गाड़ियों की लंबी लाइन.
जाम 100 किमी लंबा था. मंगोलिया से बीजिंग तक कोयला और निर्माण सामग्री ले जा रहे ट्रकों की वजह से ऐसा जाम लगा कि सब कुछ ठहर गया. बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन था. इसलिए वाहन नहीं निकल पा रहे थे. एक्सप्रेस वे चल रहे काम की वजह से ट्रैफिक को वनवे कर दिया गया था. जो ट्रक मंगोलिया से बीजिंग के लिए निर्माण सामग्री ले जा रहे थे, उन्होंने बीजिंग के बाहर निकलने का रास्ता रोक दिया था. देखते ही देखते जाम इतना लंबा हो गया कि जाम को खुलवाने में प्रशासन को 12 दिन का वक्त लग गया
एक्सप्रेस वे बन ही रहा था,मंगोलिया से कोयला लाने वाले ट्रकों का काफिला रास्ते से निकल नहीं पाया. कई वाहन भी खराब हो गए थे, जिसकी वजह से रास्ता ब्लॉक हो गया था. जाम ऐसा था कि वहां फंसे वाहन दिनभर में सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी ही तय कर पा रहे थे.
जाम इतना लंबा खिंच गया कि कार और छोटे वाहनों से चलने वालों के लिए एक्सप्रेसवे के किनारे अस्थायी घर बनाए गए.गाड़ियों का मेला देखकर वहां खाने-पीने की चीजों की दुकानें खोल दी गई. स्नैक्स, कोल्डड्रिंक, नूडल्स और खाने-पीने की चीजें चार गुना दामों पर बेचा जाने लगा. लोगों को 10गुने रेट पर पानी खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
जाम को खुलवाने के लिए प्रशासन ने इस रूट पर मिलने वाले सभी रास्तों को रोक दिया. जाम में फंसे ट्रकों को सबसे पहले निकाला गया. वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन रात एक कर दिया गया, कब जाकर 26 अगस्त 2010 को जाकर दुनिया का सबसे बड़ा जाम खत्म हुआ.
ट्रेन्डिंग फोटोज़