झारखंड पीसीसी चीफ रामेश्वर उरांव ने कहा, 'अगर किसी को बदलने से पार्टी मजबूत होती है तो आलाकमान कर सकता है. मुझे लगता है कि कोई बदलाव नहीं होगा.'
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Delhi/Ranchi: झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव (Jharkhand PCC Chief Rameshwar Oraon) ने उन तमाम कयासों पर विराम लगा दिया है जिसमें कहा जा रहा था कि राज्य में पार्टी पीसीसी चीफ बदलने की दिशा में काम कर रही है. दरअसल, दिल्ली दौरे पर गए रामेश्वर उरांव ने शनिवार को साफ कहा कि पार्टी फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष बदलने नहीं जा रही है.
रामेश्वर उरांव (Rameshwar Oraon) ने कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात पर कहा, 'मैं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिला क्योंकि उनके साथ मेरे अच्छे संबंध हैं. यह शिष्टाचार मुलाकात थी. बैठक का कोई एजेंडा होगा तो बताएंगे. अगर किसी को बदलने से पार्टी मजबूत होती है तो आलाकमान कर सकता है. मुझे लगता है कि कोई बदलाव नहीं होगा.'
I met party's senior leaders as I've good relations with them. It was a courtesy meet. If there is an agenda for meeting, we will tell. If changing anyone makes the party strong then High Command can do it. I think there won't be any change: Jharkhand PCC Chief Rameshwar Oraon pic.twitter.com/qrTbgMelhM
— ANI (@ANI) June 19, 2021
वहीं, कैबिनेट में एक अतिरिक्त मंत्री पद को लेकर रामेश्वर उरांव ने कहा, 'हम कैबिनेट में शेष बर्थ की मांग करेंगे लेकिन संविधान के अनुसार ऐसा करना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. इस बार न तो मैं और न ही सीएम 12वें मंत्री के लिए दिल्ली आए हैं.'
We will demand the remaining berth in the cabinet but it's the prerogative of Chief Minister to do that as per the constitution... This time neither I nor CM have come to Delhi for 12th minister: Jharkhand PCC chief & FM Rameshwar Oraon on remaining one berth in the Cabinet pic.twitter.com/M7I5ZvTgU2
— ANI (@ANI) June 19, 2021
दरअसल, झारखंड में हेमंत कैबिनेट के विस्तार की सुगबुगहाट तेज है. कयास लगाए जा रहे हैं दिल्ली दौर पर गए सीएम हेमंत (Hemant Soren) और पीसीसी चीफ व राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने इसको लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है और इसका खाका भी तैयार कर लिया गया है. हालांकि, अब तक इसको लेकर कोई घोषणा नहीं हुई है. लेकिन इस बीच झारखंड कांग्रेस की 'कलह' भी सामने आ रही है.
बीते दिनों विधायक और झारखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष इरफान अंसारी ने कहा था, 'कांग्रेस के कार्यकर्त्ता खुश नहीं हैं. राज्य के कुछ नेता शीर्ष नेतृत्व को गुमराह कर रहे हैं. ये अच्छी बात नहीं है. पार्टी के कई नेता नाराज हैं क्योंकि उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है. हमें भी हाईकमान के पास बात रखने का मौका मिलना चाहिए. गलत फीडबैक से झारखंड को ही नुकसान होगा.
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अंसारी ने आगे कहा कि कांग्रेस के मंत्रियों ने इस दौरान क्या काम किया है, इसका जवाब जनता से पूछा जाना चाहिए. जो लोग मौके के हकदार है, उन्हें भी मौका मिलना चाहिये. हमारे साथ 6 विधायक है और लोगों के गुमराह करने की वजह से उन्हें मौका नहीं मिल रहा है. हालांकि, राज्य में 12वें मंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है. प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के कांग्रेस में शामिल होने से पार्टी एक और मंत्री पद पाने की जुगत में हैं.