इस सीट पर पिछले 30 साल से है एक ही परिवार का कब्जा, कभी बीजेपी ने दी थी टक्कर
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इस सीट पर पिछले 30 साल से है एक ही परिवार का कब्जा, कभी बीजेपी ने दी थी टक्कर

इस सीट पर कभी बीजेपी ने टक्कर देने की कोशिश की थी लेकिन वह इस सीट को जीत नहीं पाई.

(प्रतीकात्मक फोटो)

नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव में अभी करीब 7 माह का वक्त बचा है. बीजेपी के खिलाफ संभावित महागठबंधन केवल चर्चाओं में है. इसको लेकर अभी तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला. वहीं, दक्षिण के राज्य तमिलनाडु में एक बार विपक्ष के नेता जुटे. मौका डीएमके के संस्थागत दिवंगत नेता करुणानिधि की स्मृति सभा का था. स्मृति सभा में एकत्र विपक्षी नेताओं ने बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए एकजुट होने की अपील की. लोकसभा चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा सक्रियता बीजेपी की ओर से दिखाई दे रही है. इसी बीच, बात एक ऐसी लोकसभा सीट की जिस पर पिछले तीस साल से एक ही परिवार का कब्जा है. इस सीट पर कभी बीजेपी ने टक्कर देने की कोशिश की थी लेकिन वह इस सीट को जीत नहीं पाई. ये सीट है हैदराबाद की लोकसभा सीट जिस पर ओवैसी परिवार का कब्जा है. इस बार बीजेपी की नजर इस सीट पर तगड़ी चुनौती पेश करने की है.

हैदराबाद सीट पर एक नजर
हैदराबाद सीट पर 1984 से ओवैसी परिवार का कब्जा है. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल (एआईएमआईएम) पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इस सीट से सांसद हैं. ओवैसी 2004 से इस सीट से सांसद हैं. यह उनका तीसरा कार्यकाल है. इससे पहले इस सीट पर उनके पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी चुनाव लड़ते थे. सांसद के तौर पर उन्होंने लगातार 6 कार्यकाल पूरे करने के बाद साल 2004 में अपने बड़े बेटे असदुद्दीन के लिए यह सीट छोड़ दी. इस सीट पर कांग्रेस ने अंतिम बार 1984 में जीत पाई थी. इसके बाद से आज तक पिछले 30 साल से कोई और पार्टी नहीं जीत सकी है. इतिहास को और खंगाले तो पता चलता है कि 1927 में मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (MIM) पार्टी की स्थापना की गई थी. 1949 में मजलिस को भंग किया गया. बाद में 1958 में अब्दुल वाहिद ओवैसी (असदुद्दीन ओवैसी के दादा) ने मजलिस का नए तरीके से गठन करके पार्टी को नया नाम (AIMIM) दिया. 

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बीजेपी कड़ी टक्कर देने की तैयारी में
इस हॉट सीट पर 1996 के चुनाव में वर्तमान उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने असदुद्दीन ओवैसी के पिता सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी को कड़ी टक्कर दी थी. हालांकि नायडू 73,273 वोट से यह चुनाव हार गए थे. 1999 के चुनाव में भी बीजेपी प्रत्याशी बड्डाम बाल रेड्डी ने चुनौती पेश की थी. सलाहुद्दीन महज 50,000 वोट से अपनी सीट बचा पाए थे. 2018 के चुनाव में बीजेपी फिर से मजबूत उम्मीदवार इस सीट पर उतारना चाहती है. बीजेपी इस सीट से इस बार अपने फायर ब्रांड नेता राजा सिंह को लड़ाना चाहती है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के पिछले माह के तेलंगाना दौरे के दौरान राजा सिंह ने हैदरबाद में उनसे मुलाकात की थी. हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. 

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17 सितंबर से बीजेपी शुरू करेगी कैंपेन
तेलंगाना में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी रणनीति के तहत 17 सितंबर से अपना कैंपेन शुरू करेगी. पार्टी मंडल स्तर की कमेटी की बैठकें और सार्वजनिक संभाएं करेगी. रणनीति के तहत, पार्टी के प्रत्येक मंडल के कार्यकर्ता मतदाताओं के घर-घर जाकर टीआरएस सरकार की विफलताओं के बारे में बताएंगे. 

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