नीतीश कुमार जब बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज पहुंचे तो छात्रों के नेता बन गए.
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Patna: बिहार के वर्तमान सीएम नीतीश कुमार की जिंदगी उनके राजनीतिक करियर की तरह ही बेहद दिलचस्प है. जब नीतीश पटना पढ़ने के लिए गए थे, तभी से वह राजनीति में बेहद सक्रिय हो गए थे.
उन्होंने विचारधारा के साथ राजनीति करने का फैसला लिया था. उनके परिवार के लोग नहीं चाहते थे कि नीतीश कुमार राजनीति में आए. खुद नीतीश कुमार के पिता भी कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य थे लेकिन बाद में उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली.
इधर, नीतीश कुमार जब बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज पहुंचे तो छात्रों के नेता बन गए. उन्होंने वहां छात्र चुनाव में जीत दर्ज कर लिया. इस समय बिहार में लालू यादव छात्र दल के नेता बनकर उभरे थे.
लालू प्रसाद यादव में नीतीश कुमार के तुलना में भीड़ इकट्ठा करने की क्षमता अधिक थी. इसके बावजूद नीतीश कुमार गांधी, राम मनोहर लोहिया व कर्पूरी ठाकुर जैसे नेताओं के संपर्क में आकर विचारधारा की राजनीति करने लगे.
जब नीतीश कुमार को पता चला घरवालों ने लिया है दहेज
जब नीतीश कुमार पटना में पढ़ते थे, तो उसी समय पटना के मगध कॉलेज में उनके गांव के बगल के गांव सियोधा की एक लड़की पढ़ती थी. घरवालों ने दोनों को एक दूसरे के योग्य पाकर शादी तय कर दी. नीतीश कुमार को पता चला कि घरवालों में 22 हजार रुपए दहेज लिए हैं. इसके बाद नीतीश कुमार पटना से भागे-भागे अपने घर पहुंचे. फिर नीतीश ने अपने पिता के सामने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने दहेज लिए जाने का विरोध किया.
घर पहुंचकर पिता से कुछ बताए बिना दोस्त को सारी बातें बताई
नीतीश कुमार जब पटना से अपने घर पहुंचे तो उन्होंने दहेज को लेकर अपने पिता से बात तक नहीं की. इसके बाद उन्होंने गुस्से में अपने कमरे में जाकर दरवाजा बाहर से लगा दिया. बाद में दोस्त के जरिए नीतीश ने पिता को कहलवाया कि शादी में कोई दहेज नहीं लिया जाएगा और दोनों तरफ से कोई उपहार नहीं दिया जाएगा. कोई रीति-रिवाज नहीं कोई समारोह नहीं आयोजित होगा. साथ ही शादी कोर्ट मैरिज तरीके से होगा.
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लड़की के पिता ने लाचार होकर शादी के लिए हां भर दी
लड़की मंजू के पिता सोचते थे कि उनका होने वाला दामाद इंजीनियर है. बेटी काफी सुख करेगी लेकिन जब उन्हें इस घटना के बाद पता चला कि उनका होने वाले दामाद आंदोलनकारी है तो उन्हें झटका लगा. नीतीश के पिता ने लड़की के पिता को एक बार फिर से सोचने के लिए कहा लेकिन अंत में लड़की मंजू के पिता ने रिश्ता करने का फैसला लिया.
नीतीश के बारे में धर्मयुग में पढ़कर फणीश्वरनाथ रेणु ने ये कहा
नीतीश कुमार द्वारा दहेज लेकर शादी नहीं करने का मामला अब काफी हाईलाइट में आ गया था. धर्मयुग पत्रिका में नीतीश कुमार का इंटरव्यू छपा. इसके बाद महान साहित्यकार फणीश्वरनाथ रेणु ने साक्षात्कार लेने वाले पत्रकार के हवाले से कहा कि मैं अपनी बेटी की शादी उस युवा लड़के नीतीश से करना चाहता हूं जो इतना नेक विचार रखता है.
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बाद में मंजू से ही कोर्ट मैरेज शादी हुई
हालांकि, इन सब घटनाओं के बाद नीतीश ने ना सिर्फ दहेज का विरोध किया बल्कि जश्न या समारोह का भी विरोध किया. इस तरह दोनों की 1973 में कोर्ट मैरिज हुई थी. द ब्रदर्स बिहारी नाम के एक किताब में नीतीश कुमार के जीवन पर यह सारी बातें लिखी गई हैं.