Bihar News: जाप प्रमुख को पप्पू यादव को 32 साल पुराने एक मामले में मधेपुरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
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Patna: बिहार में इस समय कोरोना का कहर जारी है. इस बीच जन अधिकार पार्टी (जाप) के नेता पप्पू यादव (Pappu Yadav) को बिहार पुलिस (Bihar Police) ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया है.
कुछ दिनों पहले ही पप्पू यादव ने राजीव प्रताप रूडी की एंबुलेंस मामले में का खुलासा किया था. ऐसे में कहा जा रहा है कि पप्पू यादव को एंबुलेंस मामले का खुलासा करने को लेकर ही गिरफ्तार किया गया है.
अब जाप प्रमुख की गिरफ्तारी के बाद बिहार की राजनीति में सियासी गहमागहमी जारी है. ऐसे समय में आइए जानते हैं कि इससे पहले आखिर किस मामले में पप्पू यादव गिरफ्तार किए गए थे.
पप्पू यादव की गिरफ्तारी की कहानी जानने से पहले बिहार के एक चर्चित नेता अजित सरकार के बारे में जान लेते हैं.
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पूर्णिया सदर सीट से लोकप्रिय विधायक थे अजित सरकार-
पूर्णिया सदर सीट से 1980 से 1998 तक माकपा के टिकट पर अजित सरकार विधायक चुने जाते रहे. इस क्षेत्र में अजित सरकार अजित दादा के नाम से लोकप्रिय थे. राजनीतिक प्रभाव इतना कि पूर्णिया का बच्चा -बच्चा इस नाम से वाकिफ था. राजनीतिक प्रतिस्पर्धा की वजह से माना जाता है कि 14 जून 1998 में उनकी साजिश पूर्ण हत्या कर दी गई. अजित जब तक विधायक रहे तनख्वाह में 6 हजार से ज्यादा अपने पास नहीं रखते थे. बाकी पैसा पार्टी व समाज कल्याण में लगा देते थे. सरकारी शिक्षक पत्नी के पैसे से घर का काम चलता था. दिन-रात लोगों के बीच रहने व लोगों की मदद करने की वजह से क्षेत्र में लगातार अजित का कद बढ़ता जा रहा था. ऐसे में यही वजह था कि वह राजनीतिक नेताओं के आंखों में कांटे की तरह चुभने लगे थे.
एक लड़की को न्याय दिलाने के लिए सदन में फाड़ लिया था अपना कुर्ता-
एक बार का किस्सा है कि पूर्णिया में एक नाबालिग लड़की के जघन्य बलात्कार की घटना घटी. इस घटना ने अजित सरकार को अंदर से हिला दिया. इसके बाद उन्होंने विधानसभा में महिला डॉक्टर द्वारा गलत रिपोर्ट देने का लेकर सरकार से तीखा सवाल किया.अजित सरकार के सवाल का जवाब सरकार की तरफ से मंत्री कुमुद रंजन झा दे रहे थे. आरोपित डॉक्टर उनकी बहन थी. इस वजह से सवाल का साफ जवाब न पाकर अजित सरकार भावुक हो गए और उन्होंने सदन में अपना कुर्ता फाड़ते हुए कहा कि अपने क्षेत्र के लोगों को क्या जवाब दूंगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बलात्कार की जांच के लिए सरकार कमेटी बनाएगी या नहीं, यह अभी बताया जाए.नहीं तो मैं इस सदन में नंगा हो जाऊंगा. इसके बाद सरकार और सदन में हंगामा मच गया. सरकार को कार्रवाई का आश्वासन देना पड़ा था.
सैकड़ों गोली से अजित सरकार के शरीर को छलनी कर दिया गया था-
सदन में कुर्ता फाड़ने की घटना के कुछ दिन बाद ही खजांची हाट थाना क्षेत्र के काली फ्लावर मिल के पास अपराधियों ने अत्याधुनिक हथियार से अजित सरकार पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें उनकी मौत हो गई. गोलीबारी की इस घटना में उनकी पार्टी के कार्यकर्ता अशफाकुल रहमान और ड्राइवर हरेन्द्र शर्मा की मौत हो गई थी. अजित सरकार के भाई ने थाने में मुकदमा दर्ज कराया . इस मामले में 61 में से 23 गवाह बाद में मुकर गए. इस मामले को सरकार ने बाद में सीबीआई को सौंपी और इस केस में सीबीआई ने उस समय के सांसद पप्पू यादव व राजन तिवारी समेत अन्य पर केस दर्ज किया. इस मामले में 2008 में सीबीआई ने पप्पू यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
अजित सरकार हत्या मामले में गिरफ्तार पप्पू यादव हुए थे बरी-
पटना उच्च न्यायालय ने माकपा नेता अजीत सरकार हत्या मामले में राजद के पूर्व विवादित सांसद पप्पू यादव को सबूतों के अभाव में मई 2013 में बरी कर दिया था. निचली अदालत ने इस मामले में पप्पू को 2008 में दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनायी थी. न्यायमूर्ति वी एन सिंह और न्यायमूर्ति के के लाल की पीठ ने राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और दो अन्य आरोपियों राजन तिवारी तथा अनिल कुमार यादव को करीब 15 साल पुराने इस मामले से जुड़े सभी आरोपों से सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था.