Bihar News: पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कुछ राजनीतिक दल के नेताओं पर दवा दुकानदारों को धमकी देकर रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए दबाब बनाने का आरोप लगाया है.
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Patna: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर बिहार के कुछ राजनीतिक दल के नेताओं पर दवा दुकानदारों को धमकी देकर रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए दबाब बनाने का आरोप लगाया है. पूर्व डिप्टी सीएम ने अपने एक ट्वीट में कहा है कि कुछ राजनीतिक दलों के नेता दवा दुकानदारों को धमकी देकर रेमडेसिविर इंजेक्शन बड़ी संख्या में देने का दबाब बना रहें हैं, ताकि उन्हें अपने समर्थकों को वितरित किया जा सके.
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "दवा दुकानदारों से मेरी अपील है कि वैसे लोगों के बारे में सूचना दें जो दवा की किल्लत एवं कालाबाजारी कर रहें हैं." सुशील मोदी के इसी ट्वीट पर पूर्व सांसद व जाप नेता पप्पू यादव ने पलटवार किया है.
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पप्पू यादव ने सुशील कुमार मोदी के इस ट्वीट को रीट्वीट करते हुए कहा कि सुशील मोदी जी आप ही थे न जो पटना जलजमाव में अपने पड़ोसियों अपने अंगरक्षकों को उनके हाल पर छोड़ हाफ पैंट पहन भाग खड़े हुए थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आपलोगों ने ही 15 साल में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का कबाड़ा किया. ड्रग माफिया से इलू-इलू नहीं चलेगा.
सुशील जी ज्यादा फड़फड़ाईये मत
आप ही थे न जो पटना जलजमाव में अपने पड़ोसियों अपने अंगरक्षकों को उनके हाल पर छोड़ हाफ पैंट पहन भाग खड़े हुए थे
आप जैसे अखबारी नेताओं की औकात पता है। आपलोगों ने ही 15साल में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था का कबाड़ा किया।ड्रग माफिया से इलू-इलू नहीं चलेगा https://t.co/4Ab7w0xyNA
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) April 22, 2021
दरअसल, कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए कई डॉक्टर रेमिडसिविर इंजेक्शन लगाने की सलाह देते हैं. यही वजह है कि देश भर में कोरोना के मामले जैसे-जैसे बढ़ रहे हैं, उसी रफ्तार से रेमडिसिविर की मांग भी बढ़ रही है. ऐसे में रेमडिसिविर की दूसरे राज्यों के तरह ही बिहार में भी किल्लत हो गई है.
यही वजह है कि भाजपा नेता व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने इस दवा की कालाबजारी को रोकने व दवा दुकानदारों को अपने राजनीतिक रसूख की धमकी देकर दवाब बनाने वाले नेताओं की तरफ प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है. हालांकि, कोरोना मरीजों के इलाज के लिए रेमडिसिविर वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणिक दवा नहीं है. यही वजह है कि पटना के एनएमसीएच अस्पताल के निदेशक ने अपने अस्पताल के सभी डॉक्टरों को पत्र लिखकर डब्लूएचओ के निर्देश को ध्यान में रखते हुए इस दवा के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी है.