कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ( Manish Tewari) ने एक बार फिर कोरोना वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं. मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार ने फेज थ्री ट्रायल पूरा हुए बगैर इस वैक्सीन को मंजूरी दी है. ऐसा करके सरकार ने भारतीयों को guinea pigs की श्रेणी में खड़ा कर दिया है.
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नई दिल्ली: देश में 16 जनवरी से शुरू होने वाले कोरोना वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) के मामले में लोगों को दोनों वैक्सीन में विकल्प न दिए जाने के सरकार के ऐलान पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सांसद मनीष तिवारी ( Manish Tewari) ने कहा कि कोवैक्सीन (Covaxin) का अभी फेज थ्री का ट्रायल चल रहा है. इसके बावजूद भारत के Drugs Controller General of India (DCGI) ने टीके को अपनी मंजूरी दे दी है.
'ट्रायल पूरे न होने तक कोवैक्सीन पर सवाल रहेंगे'
मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने कहा कि सरकार ने कोवैक्सीन (Covaxin) को इमरजेंसी यूज के लिए मंजूरी दी है. लेकिन अब सरकार कह रही है कि टीका लगवाने के मामले में लोगों को कोविशील्ड (Covishield) और कोवैक्सीन के बीच में कोई विकल्प नहीं मिलेगा. मनीष तिवारी ने कहा कि जब तक कोवैक्सीन (Covaxin) का फेज थ्री ट्रायल पूरा नहीं हो जाता, तब तक उसकी क्षमता पर सवाल बने रहेंगे.
'भारतीय भारतीय guinea pigs नहीं हैं'
तिवारी ने कहा कि जब तक भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोवैक्सीन के फेज थ्री के ट्रायल पूरे नहीं हो जाते और इसकी क्षमता पूरी तरह साबित नहीं हो जाती, तब तक सरकार को लोगों को इसे लगवाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारतीय guinea pigs नहीं हैं, जिन पर सरकार अपनी दवाओं का परीक्षण करती रहे.
लोगों को टीके में पसंद का विकल्प नहीं- स्वास्थ्य मंत्रालय
मनीष तिवारी की यह टिप्पणी स्वास्थ्य मंत्रालय के उस बयान के जवाब में आई है, जिसमें उसने कहा था कि वैक्सीन लगवाने वाले लोगों को पसंद का विकल्प चुनने का मौका नहीं मिलेगा. मंत्रालय का कहना है कि बूथ में जो वैक्सीन पहुंचेगी, लोगों को उसे ही लगवाना होगा. मनीष तिवारी इससे पहले भी कोरोना वैक्सीन की विश्वसनीयता पर सवाल उठा चुके हैं. उनके मुताबिक बीजेपी सरकार ने कोरोना महामारी को अपने फेवर में वातावरण तैयार करने के लिए यूज किया.
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देश में 16 जनवरी से शुरू होना है कोरोना वैक्सीनेशन
बता दें कि भारत में मोदी सरकार कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोवैक्सीन (Covaxin) और कोविशील्ड (Covishield) को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे चुकी है. इनमें से कोवैक्सीन (Covaxin) को हैदराबाद की भारत बायोटेक (Bharat Biotech) कंपनी ने बनाया है. जबकि कोविशील्ड (Covishield) को पुणे के सीरम इंस्टिटयूट ने बनाया है. देश में 16 जनवरी से शुरू होने वाले कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण में 3 करोड़ कोरोना वॉरियर्स को यह टीका लगाया जाएगा.
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