रामपुर जिला यूं तो भगवान राम के नाम पर बना है लेकिन इसकी मोटे तौर पर पहचान रामपुरी चाकू की वजह से बनी हुई है. लेकिन मुलायम की छत्रछाया में करीब 35 साल पहले जब सपा नेता आजम खान ने यहां पर अपने पैर पसारने शुरू किए तो रामपुर की पहचान आजम खान वाले जिले के रूप में बदलती चली गई.रामपुर यूपी का वह जिला है, जहां मुसलमानों की आबादी 52 प्रतिशत है. जबकि हिंदू यहां पर 40 प्रतिशत हैं. यानी इस सीट पर हिंदू अल्पसंख्यक हैं. ये हिंदू भी अगडे़- पिछड़े, जाट- गुर्जर, बनिया में बंटे हुए हैं, जिसके चलते इस सीट पर उनकी राजनीतिक ताकत और घट जाती है. इस सीट से जुड़ी रोचक बात ये है कि देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ने इसी सीट से चुनाव लड़ा था. उसके बाद यहां पर रामपुर के नवाब खानदान का लंबे वक्त तक वर्चस्व रहा. फिर सपा के कद्दावर नेता आजम खान ने इसे अपना गढ़ बना लिया. रामपुर लोकसभा क्षेत्र में कुल 5 असेंबली सीटें आती हैं. जिनके नाम चमरौआ, स्वार, बिलासपुर, रामपुर और मिलक (एससी) हैं. इनमें से 3 पर बीजेपी, एक पर सपा और एक पर अपना दल सोनेलाल की पार्टी काबिज है.
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