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Good Luck Sign: लोगों का ऐसा मानना होता है कि जब तक किस्मत साथ ना दें व्यक्ति का कोई काम नहीं बन पाता. जिसके लिए वह कितनी भी प्रयास कर लें पर सफलता हाथ नहीं लग पाती. आज ऐसे विषय पर बात करेंगे जिसमें दो उपायों के जरिए व्यक्ति इस बात का अंदेशा लगा सकता है कि भाग्य उसके साथ है कि नहीं.
सामुद्रिक शास्त्र के जरिए जानने की कोशिश करते हैं कि भाग्य की पहचान कैसे की जाती है. भाग्य को दो अलग अलग तरीकों से जाना जा सकता है साथ ही इस बारे में भी पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति का भाग्य बुलंद है कि नहीं. आइए विस्तार में इसके बारे में जानें.
भाग्य को पहचानने का पहला उपाय
पहले उपाय में व्यक्ति के जन्मकुंडली से उसके भाग्य के बारे में पता लगाया जा सकता है. जन्मकुंडली का नवम भाव का सीधा संबंध भाग्य से होता है. वहीं भाग्य कितना बुलंद है इसके बारे में जानना हो तो नवम भाव के राशि स्वामी की स्थिति अगर मजबूत है तो इसे देख कर यह पता लगा सकते हैं कि व्यक्ति का भाव भी मजबूत है.
भाग्य को पहचानने का दूसरा उपाय
सामुद्रिक शास्त्र का ही एक हिस्सा है हस्त रेखा. हस्त रेखा यानि कि व्यक्ति की हाथों की लकीरों से भी उसका भाग्य कितना साथ दे रहा है या नहीं इसके बारे में पता लगाया जा सकता है. व्यक्ति की हाथों की लकीरें बड़े ही आसानी से भाग्य के बारे में बता देती है. बतादें कि मणिबंध से हो कर जो सीधी रेखा निकलती है वह शनि पर्वत को छुती है, वही रेखा व्यक्ति के भाग्य के बारे में बताती है. मणिबंध को पहचानना हो तो वह व्यक्ति की हथेली का वह हिस्सा होता है जहां कलाई होती है. वहीं से एक सीधी रेखा बीच की अंगुली की ओर जाती है, जिसे भाग्य रेखा कहते हैं. वहीं अगर भाग्य कितना प्रबल है यह जानना है तो यह रेखा अगर स्पष्ट तौर पर नजर आती है तो उस व्यक्ति का भाग्य उतना ही बुलंद होगा.सामुद्रिक शास्त्र में बताया गया है कि जिस व्यक्ति के हाथ में यह भाग्य की रेखा होती है वह अपने जीवन में जरूर ही सफलता हासिल करता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)