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Chaitra and Shardiya Navratri Importance: हिंदू धर्म में एक बार नहीं बल्कि चार बार नवरात्रि मनाई जाती है. बता दें कि हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र नवरात्रि से ही नए साल की शुरुआत होती है. इसी कैलेंडर के अनुसार साल के पहले महीने में पहली चैत्र नवरात्रि मनाई जाती है. जिसके बाद दूसरी नवरात्रि आषढ़ में गुप्त नवरात्रि होती है. इसके बार तीसरी नवरात्रि अश्विन माह में शारदीय नवरात्रि के तौर पर मनाई जाती है. वहीं आखिर में माघ महीने में गुप्त नवरात्रि मनाते हैं.
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जानें चैत्र और शारदीय नवरात्रि में क्या है अंतर
बता दें कि चैत्र और शारदीय नवरात्रि दोनों में ही नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना करते हैं. चैत्र नवरात्रि में नौवे दिन का समापन राम नवमी के तौर पर मनाया जाता हैं. दरअसल इसी दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ था. वहीं दूसरी तरफ शारदीय नवरात्रि के नवमी के बाद दसवें दिन यानि कि आखिरी दिन मां दुर्गा ने जहां संसार के कल्याण के लिए महिषासुर का वध किया था तो वहीं इसी दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का संहार किया था. इसलिए इस दिन को विजयदशमी के रूप में भी मनाया जाता है. इसी दिन भगवान श्री राम ने फिर से धर्म की स्थापना की थी.
वहीं दूसरे अंतर को समझें तो चैत्र नवरात्रि को आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धि, मोक्ष के लिए मनाते हैं तो वहीं शारदीय नवरात्रि को सांसारिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए मनाया जाता है.
चैत्र नवरात्रि वसंत और ग्रीष्म ऋतु में मनाई जाती है. वहीं दूसरी तरफ शारदीय नवरात्रि को शरद मौसम में पड़ता है. दोनों ही नवरात्रि में अधिकतर एक ही रीति रिवाजों और अनुष्ठानों का पालन करते हैं.
चैत्र नवरात्रि को हिंदू कैलेंडर के अनुसार नए साल यानी की पहले महीने में मनाते हैं. वहीं शारदीय नवरात्रि को पितृ पक्ष अमावस्या यानी कि सर्व पितृ अमावस्या के अगले दिन से मनाना शुरू करते हैं.
कब है चैत्र और शारदीय नवरात्रि
चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू होने वाली है जिसका समापन 17 अप्रैल को होगा. वहीं शारदीय नवरात्रि की बात करें तो यह 3 अक्टूबर को शुरू होगा जिसका समापन 11 अक्टूबर को होगा.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)