Guru Mahadasha: वैदिक ज्योतिष अनुसार गुरु ग्रह की महादशा 16 साल की होती है. जिसमें व्यक्ति को पद और मान- सम्मान की प्राप्ति होती है.
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Guru Mahadasha Effect: ज्योतिष शास्त्रों में 27 नक्षत्र, 12 राशियां और नवग्रहों का जिक्र किया गया है. कुंडली में नवग्रहों की स्थिति से व्यक्ति के भविष्य के बारे में पता चलता है. इसके साथ-साथ हर व्यक्ति को नवग्रहों की महादशा से भी गुजरना पड़ता है. उसकी कुंडली में जिस ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, उसकी महादशा में शुभ फल मिलता है. यदि ग्रह नीच का हो तो उसकी महादशा में बहुत कष्ट मिलता है. आज हम देवगुरु बृहस्पति की महादशा के बारे में जानते हैं.
16 साल चलती है गुरु की महादशा
गुरु की महादशा 16 साल तक रहती है. गुरु ग्रह सुख, ऐश्वर्य, यश, ज्ञान और धर्म-अध्यात्म के कारक हैं. जिसकी कुंडली में गुरु उच्च के हों वह व्यक्ति भगवान में आस्था रखने वाला, दूरदर्शी और ज्ञानी होता है. उसे अपने जीवन में खूब नाम और यश मिलता है. ऊंचा पद मिलता है. जातक प्रभावशाली व्यक्तित्व का मालिक होता है. वह हमेशा सत्य और ईमानदारी की राह पर चलता है. ऐसे जातक ज्ञान, धर्म-अध्यात्म से जुड़े क्षेत्र में खूब नाम कमाते हैं. जैसे मशहूर शिक्षक, कथावाचक, विचारक आदि बनते हैं. 16 साल की गुरु की महादशा में जातक पूरी दुनिया में नाम कमाते हैं. उनका ख्याति दूर-दूर तक फैलती है.
इन जातकों को बहुत अच्छा जीवनसाथी मिलता है. उन्हें लाइफ पार्टनर और संतान से सुख मिलता है. वे जीवन भर सुखी वैवाहिक जीवन का आनंद लेते हैं.
अशुभ हों गुरु तो देते हैं कष्ट
यदि कुंडली में गुरु बृहस्पति अशुभ स्थिति में विराजमान हों तो जातक को बहुत कष्ट होता है. उसका पूजा- पाठ में मन नहीं लगता है. वह भगवान में भरोसा नहीं करता है. कार्यक्षेत्र में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बार-बार अपना कार्यक्षेत्र बदलना पड़ता है. उसे सुख-समृद्धि नहीं मिलती है. भाग्य का साथ नहीं मिलता है. इसलिए काम पूरे नहीं होते हैं. पेट से सबंधित रोग, अपच, पेट दर्द, एसिडिटी, पाचन तंत्र की कमजोरी, कैंसर जैसी बीमारी हो सकती हैं.
विवाह में समस्या
इन जातकों के विवाह में समस्या आती है. शादी होने में बार-बार बाधा आती है. संतान होने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. यदि संतान हो जाए तो भी उससे सुख मिलने में रुकावटें आती हैं.
गुरु महादशा के उपाय
गुरु की महादशा के कारण कष्ट हो या उससे शुभ फल पाना चाहते हैं तो कुछ उपाय कर लें.
- गुरु ग्रह की महादशा अशुभ फल दे तो बृहस्पति का मंत्र- 'ओम् ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः' मंत्र का रोज 108 बार जाप करें.
- गुरुवार का व्रत रखें. इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनें. भगवान विष्णु की पूजा करके बेसन की मिठाई या गुड़ चने का भोग लगाएं. फिर खुद भी प्रसाद ग्रहण करें.
- विशेषज्ञ की सलाह से पीला पुखराज धारण करें.
- गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करें. केले के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाने के बाद हल्दी, गुड़ और चना अर्पित करें.
(Dislaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)