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Guru Purnima Remedies: जीवन में गुरु अमूल रत्न से कम नहीं है. शास्त्रों में गुरु पूजा को विशेष महत्व दिया गया है. कहते हैं कि गुरु ज्ञान, मार्गदर्शन, प्रेरणा आदि का स्रोत होते हैं. व्यक्ति के अज्ञान के अंधकार को खत्न करने में गुरु की अहम भूमिका होती है. इसलिए सनातन धर्म में गुरु का स्थान भगवान के समान बताया गया है. बता दें कि आषाढ़ माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि गुरु को समर्पित है. इस दिन किए गए कुछ उपाय और गुरु की उपासना व्यक्ति की कुंडली में गुरू की स्थिति को मजबूत करती है. जानें कब है गुरु पूर्णिमा, इस दिन क्या करना चाहिए और गुरु दोष के उपाय के बारे में.
क्यों मनाते हैं गुरु पूर्णिमा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन हिंदू धर्म के आदि गुरु माने जाने वाले वेद व्यास जी का जन्म हुआ था. गुरु पूर्णिमा के दिन ही भगवान ने अपनी गुरु सांदीपनि से ज्ञान प्राप्त कना शुरू किया था. बता दें कि सांदीपनि मुनि ने भगवान श्री कृष्ण को 64 कलाओं में शिक्षा प्रदान की थी और परिपूर्ण बनाया था.
जानें कब है गुरु पूर्णिमा 2024
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि 21 जुलाई को पड़ रही है. इसी के साथ आषाढ़ माह का समापन हो जाएगा. देशभर में गुरु पूर्णिमा का पर्व आधायत्मिक गुरु के साथ स्कूल, कॉलेजों और उच्च शैक्षणिक संस्थानों में गुरुओं के सम्मान में मनाया जाने वाला पर्व है. बता दें कि आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 20 जुलाई शाम 5 बजकर 59 मिनट से आरंभ होगी और 21 जुलाई दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर इसका समापन होगा.
गुरु दोष से मुक्ति के लिए
ज्योतिष शास्त्र में गुरु पूर्णिमा की तिथि को गुरु दोष से मुक्ति के लिए बहुत खास माना गया है. ज्योतिष उपायों के लिए गुरु पूर्णिमा का दिन बेहद खास है. इस दिन गुरु के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रदर्शित करने से कुंडली में बृहस्पति ग्रह को मजबूती मिलती है.
जीवन में बृहस्पति ग्रह की कृपा बनाए रखने के लिए अपने गुरुजनों के पैर छुएं और उनका आशीर्वाद लें. इसके साथ ही उन्हें वस्त्र, अध्ययन सामग्री और मिठाई आदि भेंट करें. इस उपाय को करने के बाद व्यक्ति के विवेक में वृद्धि होती है और जीवन में सफलता मिलती है.
अगर गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के पास उनके आशीर्वाद के लिए नहीं जा सकते तो पीपल और बरगद वृक्ष की पूजा करें. गाय को गुड और रोटी खिलाएं. अगर संभव हो तो इस दिन ब्राह्मण को मीठा भोजन कराएं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इससे जीवन से बृहस्पति बाधा दूर होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)