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Significance Of Mangal Kalash: हिंदू धर्म में किसी भी पूजा पाठ की शुरुआत कलश स्थापना के साथ की जाती है. शास्त्रों में कलश का विशेष महत्व बताया गया है. पूजा के दौरान इस्तेमाल होने वाले इन कलश को घर में स्थापित किया जाता है, जो कि व्यक्ति द्वारा संकल्प लिया जाता है, जिससे कि उसकी मनोकामना पूर्ण हो।
घर में मंगल कलश की स्थापना करना काफी शुभ मानते हैं. इससे ना केवल आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं बल्कि कई प्रकार की समस्याओं से भी निजात मिलता है. आइए विस्तार में जानते हैं कि मंगल कलश को घर में कैसे स्थापित करना चाहिए और इसके क्या क्या लाभ हैं!
जानें मंगल कलश स्थापित करने के नियम
- मंगल कलश को घर में स्थापित करने के लिए सबसे पहले एक कलश लें ये कलश लोहे के अलावा किसी भी चीज का हो सकता है। जैसे तांबा, मिट्टी, चांदी, पीतल या फिर सोना का भी हो सकता है। अब इस कलश में जल भर लें। अब जल भरे कलश में तांबे का सिक्का, दूर्वा, चंदन, सुपारी, हल्दी, अक्षत, लौंग, इलायची और पान डाल दें.
- अब कलश पर आम के पत्ते रख दें और उसके मुख पर एक नारियल रख दें, जिसके बाद कलश पर रोली या कुमकुम से स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं. अब कलावे या रक्षा सूत्र से कलश को बांध दें. अब अष्टदल कमल की आकृति बना कर उसी पर कलश को रख दें. ध्यान रखें कि कलश को ईशान कोध या फिर घर के मंदिर में स्थापित करें.
मंगल कलश स्थापित करने के लाभ
मंगल कलश स्थापित करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के कष्ट दूर होने लगते हैं. कलश की स्थापना से घर में सुख और समृद्धि भी बनी रहती है. कलश की स्थापना से घर में कभी भी आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता. दरअसल कलश के स्थापना से घर में मां लक्ष्मी का वास बना रहता है. कलश स्थापना से सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी बना रहता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)