Pitra Dosh Upay: भगवान श्री राम को भी करना पड़ा था पितृ दोष का सामना, बचने के लिए करें ये चमत्कारी उपाय
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Pitra Dosh Upay: भगवान श्री राम को भी करना पड़ा था पितृ दोष का सामना, बचने के लिए करें ये चमत्कारी उपाय

Pitra Dosh Upay: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष के होने पर व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री राम ने भी पितृ दोष का सामना किया था. 

 

 

pitra dosh upay

Pitra Dosh Remedies: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मानें तो पितृ दोष एक ऐसी समस्या है जो किसी को नजर नहीं आती है. दरअसल यह समस्या पितृ के नाराजगी की वजह से इज़ात होती है. पितृ की नाराजगी का कई कारण हो सकता है. जैसे आपका उनका प्रति कैसा आचरण रहा है, किसी परिवार के सदस्यों द्वारा उनके प्रति की गई कोई गलती या फिर पितृ का श्राद्ध ना करने से भी पितृ दोष का सामना करना पड़ता है.

दरअसल यदि पितृ को अपने परिवार वालों से स्नेह और प्रेम नहीं मिलता है तो वह उन्हें तंग करने लगते हैं, जिसकी वजह से भी उन्हें पितृ दोष जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है. पितृ दोष का अर्थ समझे तो यह व्यक्ति को पुत्र का वियोग करा सकता है या फिर खुद पिता से दूर होना पड़ सकता है. बतादें कि निसंतान होना भी पितृ दोष की ही एक वजह है.  एक और अहम बात कि भगवान श्री राम तक पितृ दोष की समस्या से जूझे थे. उन्हें अपने पिता से दूर रहना पड़ा और जब वह पिता बनें तो अपने संतानों से उन्हें दूर रहना पड़ा. आइए विस्तार में जानें कि कैसे पितृ दोष को पहचाने और उससे निपटने के उपायों के बारे में जानें.

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ऐसे करें पितृ दोष की पहचान

अगर किसी व्यक्ति का विवाह हुआ हो और उसमें कोई परेशानी आने के बाद बात तलाक तक पहुंच जाए, पिता अपनी संतान से दूर रहे या फिर उनकी उन्नति में किसी प्रकार की बाधा आने लगे, नौकरी या बिजनेस में तरक्की ना हो और वंश आगे ना बढ़े तो यह सभी संकेत पितृ दोष के हो सकते हैं.

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जानें पितृ दोष के उपाय

पितृ दोष से बचने के लिए हिंदू पंचांग के अनुसार किसी शुभ दिन गंगा या फिर किसी पवित्र नदी में स्नान कर एक मटका अपने हाथों से उसमें प्रवाहित कर दें. पीपल के पेड़ में दोपहर के समय में जल चढ़ाएं. जल चढ़ाते समय उसमें फूल, दूध, गंगाजल और काला तिल जरूर मिलाएं.

वहीं पितृ की आत्मा की शांति के लिए उनकी मृत्यु की तिथि के दिन कुछ जरूरतमंदों या फिर ब्राह्मणों को अपनी इच्छानुसार भोजन अवश्य कराएं. श्राद्ध के दौरान पिंडदान जरूर करें साथ ही पशुओं को बिना परेशान किए खाना खिलाएं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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