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Rudraksha Wearing In Sawan: हिंदू धर्म में सबसे पावन महीना सावन का होता है. सावन महीना भगवान शिव को समर्पित माना गया है. भक्त इस महीने में भगवान शिव की अराधना करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ते, जिससे कि उनकी कृपा भक्तों पर बनी रहे. इसी महीने में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रुद्राक्ष को धारण करने के कुछ खास नियम बताए गए हैं. जिसकी वजह से भगवान शिव की असीम कृपा भक्तों पर बनी रहती है. बता दें कि रुद्राक्ष भगवान शिव का सबसे प्रिय आभूषण माना गया है. आइए ज्योतिष शास्त्र में विस्तार में सावन महीने में रुद्राक्ष धारण करने के कुछ खास नियमों के बारे में जानें.
जानें रुद्राक्ष धारण करने का शुभ दिन
सावन महीने में वैसे तो कभी भी रुद्राक्ष को धारण किया जा सकता है लेकिन सोमवार का दिन सबसे शुभ माना गया है. दरअसल सोमवार का दिन भगवान भोले को समर्पित माना गया है. इसलिए इस दिन रुद्राक्ष को धारण करना शुभ मानते हैं. भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करने के बाद रुद्राक्ष को धारण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
रुद्राक्ष को धारण करने का शुभ समय
रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सबसे उचित समय प्रातःकाल का माना गया है. दरअसल इस समय पूरा वातावरण शांत होता है, जिसकी वजह से रुद्राक्ष को ऊर्जा सही तरीके से काम करती है.
जानें रुद्राक्ष धारण के खास नियम
सावन महिना को सबसे पवित्र माना गया है. सावन महीने में सोमवार के दिन प्रातःकाल के समय सबसे पहले रुद्राक्ष को गंगाजल से धोले. जिसके बाद भगवान शिव की पूजा के बाद मंत्रोच्चार ॐ नमः शिवाय करते हुए इसे धारण करें.
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रुद्राक्ष धारण करने के बाद बरतें सावधानी
रुद्राक्ष धारण करने के बाद नियमित तौर पर ध्यान और साधना करें. जिससे रुद्राक्ष की ऊर्जा का लाभ मिलेगा. रुद्राक्ष धारी को हमेशा शुद्ध आहार और आचार का ख्याल रखना होगा.
जानें कौन से रुद्राक्ष देता है बेहतर परिणाम
बता दें कि रुद्राक्ष अलग अलग मुख के रूप में उपलब्ध होते हैं. इनकी हर मुखी का अलग अलग महत्व है. सही रुद्राक्ष को धारण करने के लिए किसी विशेषज्ञ की सहायता जरूर लें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)