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Toilet Tips: वास्तु शास्त्र में हर दिशा और हर हिस्से का अपना अलग महत्व है. वास्तु जानकारों का कहना है कि किसी भी चीज के शुभ प्रभावों और सकारात्मक परिणाम के लिए उसका सही दिशा में होना बहुत जरूरी है. घर का हर कोना वास्तु में विशेष महत्व रखता है. वास्तु के अनुसार रसोई, स्टडी टेबल, बेडरूम, टॉयलेट, ड्राइंग रूम, पूजा घर आदि को लेकर भी कुछ वास्तु नियम बताए गए हैं. वास्तु शास्त्र में टॉयलेट बनाने के भी सही दिशा के बारे में बताया गया है. गलत दिशा में बना टॉयलेट जीवन में कई तरह की परेशानियां खड़ी करता है. जानें टॉयलेट बनाने से संबंधित जरूर वास्तु टिप्स और नियम के बारे में.
वास्तु अनुसार टॉयलेट बनाने के नियम
- वास्तु शास्त्र के अनुसार टॉयलेट का उचित दिशा में होना बेहद जरूरी है. बता दें कि घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में टॉयलेट या शौचालय नहीं होना चाहिए. बता दें कि इस दिशा में सोक पिट बनवाया जा सकता है. सोक पिट के लिए गड्ढा थोड़ा उत्तर या फिर थोड़ा पश्चिम में होना चाहिए. वहीं, अगर इन दिशाओं में टॉयलेट बनवाना भी पड़े तो बीचों बीच टॉयलेट बनाने से बचें. इसे किसी भी एक तरफ खिसकाकर बनवा लें.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार टॉयलेट दक्षिण या फिर दक्षिण पश्चिन दिशा में बनवाना सबसे उचित माना गया है. इस दिशा को विसर्जन की दिशा माना जाता है. कहते हैं कि सीवेज की लाइन भी इसी दिशा में निकालना अच्छा माना जाता है.
- ऐसा कहा जाता है कि अगर उत्तर-पश्चिम दिशा में टॉयलेट बनाया जाता है तो व्यक्ति पर हमेशा कर्ज बना रहता है. ऐसे में कर्ज से बचने के लिए इस दिशा में टॉयलेट बनाने से परहेज करें.
- कहते हैं कि अगर घर में बना टॉयलेट गलत दिशा में बना हुआ हो तो पिता से रिश्ते खराब होते हैं. ऐसे में घर में किराएदार रखना व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याएं खड़ी कर सकता है.
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर घर में उत्तर-पश्चिम दिशा में टॉयलेट बन चुका है और उसे हटाना सभव नहीं है, तो उस हिस्से में सफेद रंग कराएं. या फिर इस दिशा में सफेद फूल वाले गमले रख सकती हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)