Bajrang Baan ke Niyam: बजरंग बाण कब और कैसे शुरू करना चाहिए, इसके पाठ की सही विधि क्या है, यह बात भी जानना जरूरी है तभी तो आपको हनुमान जी की पूरी कृपा मिल सकेगी.
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Bajrang Baan Path: हनुमान जी की कृपा होते ही पलभर में हमारे दुख, कष्ट और संकट दूर हो जाते हैं. हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ विशेष रूप से किया जाता है. यदि आप किसी दुश्मन से बहुत अधिक परेशान हैं और लाख उपाय ढूंढने के बाद भी कोई उपाय नहीं मिल रहा है तो बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. ऐसी स्थिति में बजरंग बाण का पाठ अमोघ अस्त्र की तरह कार्य करता है और उस पर विजय दिलाता है. लेकिन बजरंग बाण कब और कैसे शुरू करना चाहिए, इसके पाठ की सही विधि क्या है, यह बात भी जानना जरूरी है तभी तो आपको हनुमान जी की पूरी कृपा मिल सकेगी.
बजरंग बाण पाठ के नियम:
1. यह पाठ किसी भी किताब से किय़ा जा सकता है. बस इस बात का ध्यान रहे कि पाठ उस किताब से किया जाए जिसकी लिखावट लाल स्याही से हो.
2. बजरंग बाण के पाठ की शुरुआत सुबह या शाम किसी भी समय की जा सकती है. कोशिश करें कि इसकी शुरुआत मंगलवार या शनिवार से की जाए और यदि आपके पास इसका इंतजार करने का समय बिल्कुल भी नहीं है तो आने वाले किसी भी दिन से बजरंग बाण की शुरुआत की जा सकती है.
3. याद रखने वाली बात यह है कि जिस समय इसका पाठ शुरू किया जाए, रोजाना उसी समय पर चालीस दिनों तक बिना किसी रुकावट के पाठ करना चाहिए तभी राम भक्त हनुमान की कृपा प्राप्त होती है. इसको जब भी शुरू किया जाए तो चालीस दिन तक इसको स्किप करने से बचें.
4. एक दिन में सात बार बजरंग बाण पढ़ने से त्वरित लाभ प्राप्त होते हैं.
5. जिस दिन बजरंग बाण की शुरुआत कर रहे हैं, उस दिन हाथ में जल लेकर श्री हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष अपना प्रयोजन बताते हुए पाठ करने की संकल्प लें.
6. सात बार बजरंग बाण का पाठ करने के बाद एक बार हनुमान चालीसा को पढ़कर ही इस पाठ का समापन करना चाहिए. ऐसा करने से भक्त की मनोकामना पूरी होती है.