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नई दिल्ली: चैत्र नवरात्रि कल यानी 13 अप्रैल मंगलवार से शुरू हो रही है. कल से लेकर अगले नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी (Nine forms of goddess durga). नवरात्रि के पहले दिन देशभर के देवी मंदिरों के साथ ही बहुत से घरों में भी लोग कलश या घट की स्थापना (Kalash Sthapna) करते हैं. पुराणों में कलश को सुख-समृद्धि और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है. इसलिए नवरात्रि के अलावा भी दिवाली की पूजा के समय, कोई मांगलिक कार्य जैसे- गृहप्रवेश या नया व्यापार शुरू करते समय भी कलश की स्थापना की जाती है.
ऐसी मान्यता है कि अगर नवरात्रि (Navratri) की पूजा में सामग्री पूरी न हो तो व्रत और पूजा अधूरी मानी जाती है. ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त कौन सा है और इस दौरान आपको किन-किन चीजों की जरूरत होगी, इस बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं.
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चैत्र नवरात्रि की शुरुआत- 13 अप्रैल 2021, दिन मंगलवार
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)- 13 अप्रैल को सुबह 05.28 मिनट से सुबह 10.14 बजे तक
अवधि- 4 घंटे 15 मिनट
कलश स्थापना का दूसरा शुभ मुहूर्त- 13 अप्रैल को सुबह 11.56 बजे से दोपहर में 12.47 बजे तक
अवधि- 50 मिनट
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सिंदूर, कपूर, केसर, धूप, चौकी पर बिछाने के लिए लाल रंग का कपड़ा, मां को अर्पित करने के लिए सुहाग का सामान, पानी वाला जटायुक्त नारियल, बंदनवार आम के पत्तों का, फूल-माला, दूर्वा, सुपारी, हल्दी की गांठ, पंचमेवा, देसी घी, लोबान, गुग्गुल, लौंग, कमल गट्टा, लाल रंग की गोटेदार चुनरी, जौ, जौ बोने को मिट्टी का बर्तन, प्रसाद के लिए मिसरी या मिष्ठान, मिट्टी का पीतल का कलश, गंगाजल.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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