छठ पर्व (Chhath Festival) में षष्ठी के दिन घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. अगले दिन यानी सप्तमी की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ व्रत का पारण किया जाता है.
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नई दिल्ली. देशभर में छठ महापर्व (Chhath Festival) धूमधाम से मनाया जा रहा है. यह पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है, जिसका आज दूसरा दिन खरना (Kharna) है. हिंदू धर्म में छठ की काफी मान्यता है. छठ पर महिलाएं सूर्यदेव और छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं और संतान प्राप्ति व बच्चों की लंबी उम्र की कामना करती हैं.
षष्ठी के दिन घाट पर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है तो वहीं सप्तमी की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने की भी परंपरा है. हालांकि इस बार का छठ पर्व कुछ अलग है. दरअसल इस बार छठ पर कोरोना वायरस (Coronavirus) का असर देखने को मिल रहा है. कोरोना अभी तक दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले चुका है.
ऐसे में छठ के पावन पर्व पर घाटों पर जाने से बचना चाहिए. आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे, जिनकी मदद से आप घर पर ही सूर्यदेव को अर्घ्य दे सकेंगे.
बाजार से खरीदें बाथटब
छठ पर्व पर कोरोना से बचने के लिए आप घर में ही कृत्रिम तालाब बना सकते हैं. इसके लिए बाजार में कई तरह के बाथटब (Bathtub) उपलब्ध हैं. ये बाथटब आपको 500 से 1500 रुपये की कीमत के बीच मिल जाएंगे. बाथटब के इस्तेमाल से आप कोरोना संक्रमण और भीड़भाड़ से बच सकते हैं. साथ ही छठ पर्व का भी पूरा आनंद उठा सकते हैं.
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घर के आंगन या छत पर बनाएं कृत्रिम तालाब
अगर आप ग्रामीण इलाके में रहते हैं तो अपने आंगन या छत पर ईंटें रखकर उनपर तिरपाल और प्लास्टिक बिछाकर कृत्रिम तालाब बना सकते हैं. इस तरीके का इस्तेमाल कर आप कोरोना से भी बच सकते हैं और विधि-विधान से पूजा भी कर सकते हैं.
विभिन्न परंपराओं के पर्व छठ पर आपको कोरोना वायरस की वजह से उदास होने की जरूरत नहीं है. मन में श्रद्धा रखते हुए अपने-अपनों के साथ इस पर्व को हंसी-खुशी मनाइए. हालांकि, भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें.