Chhath Puja 2022: शुरू होने वाला है छठ पर्व! पहली बार कर रहे हैं व्रत और पूजा तो अभी से जान लें जरूरी नियम
Advertisement
trendingNow11411120

Chhath Puja 2022: शुरू होने वाला है छठ पर्व! पहली बार कर रहे हैं व्रत और पूजा तो अभी से जान लें जरूरी नियम

Chhath Puja 2022 date: इस साल छठ पूजा पर्व 28 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. वहीं 30 अक्टूबर को संध्याकालीन अर्घ्य दिया जाएगा. जो लोग पहली बार छठ व्रत-पूजा कर रहे हैं, उनके लिए कुछ नियम जान लेना जरूरी है. 

फाइल फोटो

Chhath Puja 2022 Kab Se Shuru Hai: सूर्य को अर्ध्‍य देने और पूजन करने का महापर्व छठ इस साल 28 अक्टूबर, शुक्रवार से शुरू हो रहा है. 4 दिन के इस पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. मुख्‍य रूप से यह पर्व बिहार में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी तिथि से होती है. इस दिन नहाय-खाय होता है. इस साल 28 अक्‍टूबर को नहाय-खाय, इसके बाद 29 अक्टूबर को खरना है. खरना के दिन व्रती महिलाएं छठी मैया और सूर्य देव के लिए पकवान बनाती हैं. इसमें थेकुआ विशेष होता है. इसके बाद 30 अक्‍टूबर को संध्याकालीन अर्घ्य दिया जाएगा. 31 अक्‍टूबर को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व संपन्‍न होता है. छठ व्रत और पूजा बेहद कठिन होती है. ऐसे में व्रत से पहले ही इसके नियम जरूर जान लें. खासतौर पर जो लोग पहली बार छठ का व्रत रख रहे हैं और पूजा कर रहे हैं, वे ये नियम जरूर जान लें. 

कब से शुरू हो रहा है छठ पूजा 

छठ पूजा का पहला दिन- नहाय-खाय- 28 अक्टूबर, शुक्रवार
छठ पूजा का दूसरा दिन- खरना- 29 अक्टूबर, शनिवार
छठ पूजा का तीसरा दिन- संध्याकालीन अर्घ्य- 30 अक्टूबर, रविवार
छठ पूजा का चौथा दिन- सुबह का अर्घ्य- 31 अक्टूबर, सोमवार

छठ व्रत और पूजा के नियम

- छठ पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. इस दिन स्‍नान और पूजा के बाद व्रती महिलाएं कद्दू-भात का भोजन ग्रहण करती हैं. 

- इसके बाद अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल पंचमी तिथि को खरना होता है. पंचमी के दिन छठी मैया और सूर्य देव के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है. इसके लिए प्रसाद की सामग्री भी घर में ही तैयार की जाती है, जैसे गेहूं धोना-पीसना आदि. यह प्रसाद करते समय पवित्रता का बहुत ज्‍यादा ध्‍यान रखा जाता है. 

- छठ पर्व के तीसरे दिन अस्‍ताचलगामी सूर्य को अर्ध्‍य दिया जाता है. पूजा के दौरान विभिन्‍न प्रकार के फल अर्पित किए जाते हैं. 

- वहीं छठ पर्व के आखिरी दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद व्रती महिलाएं व्रत खोलती हैं. ध्‍यान रखें कि 4 दिन के इस पर्व में शुद्धता और पवित्रता का बड़ा महत्‍व होता है. 

छठ व्रत पूरे विधि-विधान और भक्ति भाव से रखने से हर मनोकामना पूरी होती है. मान्‍यता है कि महाभारत काल में द्रौपदी ने भी अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए सूर्य देव और छठी मैया की उपासना की थी. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

Trending news