Dhan Prapti Upay: मेहनत के बाद भी करना पड़ रहा आर्थिक तंगी का सामना? आजमाएं ये उपाय, जल्दी मिलेगा छुटकारा
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Dhan Prapti Upay: मेहनत के बाद भी करना पड़ रहा आर्थिक तंगी का सामना? आजमाएं ये उपाय, जल्दी मिलेगा छुटकारा

Dhan Labh ke Upay: हिन्दू धर्म में लक्ष्मी मां को धन की देवी कहा जाता है. आप अगर आर्थिक तंगी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा कर उन्हें प्रसन्न करें. मां लक्ष्मी की कृपा से इंसान को कभी भी धन की कमी नहीं होती, पाप नष्ट हो जाते हैं.

Dhan Prapti Upay: मेहनत के बाद भी करना पड़ रहा आर्थिक तंगी का सामना? आजमाएं ये उपाय, जल्दी मिलेगा छुटकारा

Dhan Prapti ke Upay: कई बार लोग पैसा कमाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन अच्छे परिणाम नहीं मिलते हैं. जीवन में ऐसे लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है. व्यक्ति के ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा नहीं रहती है. हिन्दू धर्म में लक्ष्मी मां को धन की देवी कहा जाता है. आप अगर आर्थिक तंगी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो मां लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा कर उन्हें प्रसन्न करें. मां लक्ष्मी की कृपा से इंसान को कभी भी धन की कमी नहीं होती, पाप नष्ट हो जाते हैं और दुखों की समाप्ति हो जाती है

 

महालक्ष्मी स्तोत्र
पौराणिक कथाओं के अनुसार इंद्रदेव ने मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी स्तोत्र की रचना की थी. आप भी मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए और धन प्राप्ति के लिए श्रद्धाभाव से महालक्ष्मी स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं. इस स्तोत्र का पाठ करने के लिए आप पहले मां लक्ष्मी को प्रिय चीजें अर्पित करें और दीपक जलाकर उनका ध्यान करें. पाठ करने के बाद मां लक्ष्मी को भोग लगाएं. 

 

यहां पढ़ें मां लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ

महालक्ष्मी स्तोत्र

 

नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।

शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

नमस्ते गरुडारूढे कोलासुरभयंकरि।

सर्वपापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

सर्वज्ञे सर्ववरदे देवी सर्वदुष्टभयंकरि।

सर्वदु:खहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

सिद्धिबुद्धिप्रदे देवि भुक्तिमुक्तिप्रदायिनि।

मन्त्रपूते सदा देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

आद्यन्तरहिते देवि आद्यशक्तिमहेश्वरि।

योगजे योगसम्भूते महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

स्थूलसूक्ष्ममहारौद्रे महाशक्तिमहोदरे।

महापापहरे देवि महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

पद्मासनस्थिते देवि परब्रह्मस्वरूपिणी।

परमेशि जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

श्वेताम्बरधरे देवि नानालंकारभूषिते।

जगत्स्थिते जगन्मातर्महालक्ष्मी नमोऽस्तु ते।।

महालक्ष्म्यष्टकं स्तोत्रं य: पठेद्भक्तिमान्नर:।

सर्वसिद्धिमवाप्नोति राज्यं प्राप्नोति सर्वदा।।

एककाले पठेन्नित्यं महापापविनाशनम्।

द्विकालं य: पठेन्नित्यं धन्यधान्यसमन्वित:।।

त्रिकालं य: पठेन्नित्यं महाशत्रुविनाशनम्।

महालक्ष्मीर्भवेन्नित्यं प्रसन्ना वरदा शुभा।।

 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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