इस श्राप के कारण कैद में रखने के बाद भी रावण माता सीता को छू नहीं पाया, जानें क्या है रहस्य?
Advertisement
trendingNow1898819

इस श्राप के कारण कैद में रखने के बाद भी रावण माता सीता को छू नहीं पाया, जानें क्या है रहस्य?

माता सीता का हरण कर उन्हें लंका लाने के बाद भी रावण माता सीता को कभी छू क्यों नहीं पाया? इस सवाल के जवाब से जुड़ा है एक रहस्य जिसके बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं.

रावण को मिला था श्राप

नई दिल्ली: बहुत से लोगों को यह लगता है कि लंकापति रावण (Ravan) भले ही गुस्से में माता सीता का हरण करके उन्हें ले गया हो लेकिन उसने अपना आचरण सही रखा था और यह उसकी महानता थी जिस वजह से उसने माता सीता (Goddess Sita) को अपने महल से बाहर अशोक वाटिका में रखा और उन्हें कभी छूआ तक नहीं. लेकिन यह बात पूरी तरह से सच नहीं है. कैद में रखने के बाद भी रावण माता सीता को छू नहीं सकता था क्योंकि उसे एक श्राप (Due to a curse) मिला था. क्या था वह श्राप, जानने के लिए आगे पढ़ें.

  1. रावण माता सीता को स्पर्श क्यों नहीं कर सकता था?
  2. इसके पीछे है नलकुबेर का रावण को दिया गया श्राप
  3. कैद में रखने के बाद भी रावण माता सीता को छू तक नहीं पाया

उत्तरकांड में मिलता है इस श्राप का जिक्र

वाल्मीकि रामायण के उत्तरकांड (Ramayan uttarkand) में अध्याय 26 और श्लोक 39 में रावण को मिले श्राप के बारे में बताया गया है. पौराणिक कथा के मुताबिक, भगवान शिव ने रावण की तपस्या से खुश होकर उसे वरदान जिसे पाकर रावण पहले से भी ज्यादा शक्तिशाली हो गया और तीनों लोकों को जीतने के लिए निकल पड़ा. त्रिलोक विजय अभियान के दौरान रावण स्वर्ग लोक (Swarglok) पहुंचा और कुछ समय के लिए अपने भाई कुबेर के शहर अलाका में विश्राम करने लगा. 

ये भी पढ़ें- मनोकामनाएं पूरी करने के लिए ऐसे सिद्ध करें मानस मंत्र, समस्याएं होंगी दूर

नलकुबेर ने रावण को दिया था श्राप

एक दिन स्वर्ग की अप्सरा रंभा अपने होने वाले पति नलकुबेर से मिलने जा रही थी तभी रास्ते में उसे रावण मिल गया. रंभा (Rambha) की खूबसूरती देखकर रावण उस पर मोहित हो गया. रावण ने रंभा के साथ दुराचार करने की कोशिश की. रंभा ने रावण से कहा कि वह उसके भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर (Nalkuber) की होने वाली पत्नी है और इस नाते उसकी पुत्रवधू के समान है. बावजूद इसके रावण ने रंभा के साथ दुराचार किया. यह बात जब नलकुबेर को पता चली तो उसने रावण को श्राप दिया कि अगर उसने किसी स्त्री की इच्छा के बिना उसे स्पर्श भी किया तो उसके मस्तक के सौ टुकड़े हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें- उत्तराखंड के इस गांव का रामायण और महाभारत से है खास कनेक्शन

नलकुबेर के इसी श्राप के कारण रावण माता सीता को अपनी कैद में रखने के बाद भी छू तक नहीं पाया.

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

धर्म से जुड़े अन्य लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

देखें LIVE TV -
 

Trending news