Dussehra 2022: किस दिन मनेगा दशहरा? ये है सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि
Advertisement
trendingNow11376637

Dussehra 2022: किस दिन मनेगा दशहरा? ये है सही तारीख, पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Dussehra 2022 Date: दशहरा मनाने की तारीख को लेकर भ्रम है कि ये 4 अक्‍टूबर को मनाया जाएगा या 5 अक्‍टूबर 2022 को. आइए जानते हैं दशहरा की सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि क्‍या है. 

फाइल फोटो

Dussehra 2022 Kab Hai: शारदीय नवरात्रि समाप्‍त होने में अब 2 दिन ही बाकी हैं. कल यानी कि 3 अक्‍टूबर को अष्‍टमी और 4 अक्‍टूबर को नवमी मनाई जाएगी. इसके बाद हर साल की तरह अश्विन माह के शुक्‍ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा मनाया जाएगा. इस साल दशहरा 5 अक्‍टूबर को मनाया जाएगा. हालांकि दशमी तिथि 4 अक्‍टूबर की दोपहर से ही शुरू हो जाएगी लेकिन उदयातिथि के अनुसार दशहरा 5 अक्‍टूबर 2022, बुधवार को ही मनाया जाएगा. इसी दिन भगवान राम ने अहंकारी रावण का वध किया था और माता सीता को मुक्‍त कराया था. इसी के चलते जगह-जगह दशहरे के दिन रावण दहन होता है. साथ ही दशहरा का पर्व अस्‍त्र-शस्‍त्र और वाहनों की पूजा करने का भी दिन होता है. 

दशहरा 2022 तिथि 

इस साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 4 अक्टूबर, मंगलवार की दोपहर 2 बजकर 20 मिनट से शुरू होगी और 5 अक्टूबर, बुधवार की दोपहर 12 बजे तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार दशहरा 5 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा. इस दौरान 4 अक्टूबर की रात 10 बजकर 51 मिनट से लेकर 5 अक्टूबर को रात 09 बजकर 15 मिनट तक श्रवण नक्षत्र रहेगा, जिसे पूजा के लिए शुभ माना जाता है. 

दशहरा पूजा के शुभ मुहूर्त और योग 

विजय मुहूर्त - 5 अक्टूबर, बुधवार की दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से 2 बजकर 54 मिनट तक 
अमृत काल- 5 अक्टूबर, बुधवार की सुबह 11 बजकर 33 से लेकर दोपहर 1 बजकर 2 मिनट तक 
दुर्मुहूर्त - 5 अक्टूबर, बुधवार की सुबह 11 बजकर 51 मिनट से लेकर 12 बजकर 38 मिनट तक

दशहरा की पूजन विधि 

दशहरा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. फिर साफ कपड़े पहनें. गेहूं या फिर चूने से दशहरा की प्रतिमा बनाएं. फिर गाय के गोबर से नौ कंडे या उपले बनाएं और उन पर जौ और दही लगाएं. फिर गोबर से ही 2 कटोरी बनाएं और इनमें से एक में सिक्‍के और दूसरी में रोली, चावल, फल, फूल, और जौ डाल दें. इसके बाद गोबर से बनाई प्रतिमा पर केले, मूली, ग्वारफली, गुड़ और चावल चढ़ाएं. धूप-दीप दिखाएं. ब्राह्मणों और निर्धनों को भोजन कराकर दान दें. रात में रावण दहन करें और बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

अपनी निःशुल्क कुंडली पाने के लिए यहाँ तुरंत क्लिक करें

Trending news