Ekdant Sankashti Chaturthi 2024: मई में कब है एकदंत संकष्टी चतुर्थी? नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि
Advertisement
trendingNow12259808

Ekdant Sankashti Chaturthi 2024: मई में कब है एकदंत संकष्टी चतुर्थी? नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

Sankashti Chaturthi 2024 May: हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है. इस दिन श्रद्धाभाव से विघ्नहर्ता की पूजा करने से सुख-शांति बनी रहती है और जीवन के संकट कम हो जाते हैं.

Ekdant Sankashti Chaturthi 2024: मई में कब है एकदंत संकष्टी चतुर्थी? नोट कर लें डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

Ekdant Sankashti Chaturthi 2024 Date: हिन्दू पंचांग के अनुसार हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है. इस दिन श्रद्धाभाव से विघ्नहर्ता की पूजा करने से सुख-शांति बनी रहती है और जीवन के संकट कम हो जाते हैं. ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन व्रत रखने के भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं. आइए जानते हैं मई के महीने में एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब मनाई जाएगी, क्या है शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.

कब है एकदंत संकष्टी चतुर्थी? (Ekdant Sankashti Chaturthi 2024 Date)
हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 मई को दोपहर 06 बजकर 06 मिनट पर हो रही है. वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 27 मई को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर होगा. इसी के चलते एकदंत चतुर्थी का व्रत 26 मई को रखा जाएगा. 

पूजा का शुभ मुहूर्त
एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं. पहला शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 8 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है. वहीं शाम का पूजा का मुहूर्त शाम 7 बजकर 12 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 45 मिनट तक है. आप इन मुहूर्त में गणेश जी की पूजा कर सकते हैं.

इस विधि से करें विघ्नहर्ता की पूजा
- एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर, साफ-सुथरे कपड़े धारण करें. 
इसके बाद पूजा का संकल्प लेकर एक चौकी पर कपड़ा बिछाकर भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
गणेश जी को चंदन, तिलक, अक्षत, दूर्वा आदि चीजें अर्पित करें.
भगवान गणेश की चालीसा, आरती, मंत्रों का जाप करें श्रद्धाभाव से उनकी पूजा करें.
इसके बाद गणेश जी को उनका प्रिय भोग (लड्डू) का भोग लगाएं.

यह भी पढ़ें: Buddha Purnima 2024: भगवान बुद्ध के वो उपदेश, जो बना देंगे जीवन की राह को आसान, चिंता-घृणा से मिलेगी मुक्ति

 

एकदंत संकष्टी चतुर्थी का महत्व
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार जो भी एकदंत संकष्टी चतुर्थी  का व्रत रखता है उसके ऊपर गणेश जी की कृपा होती है और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. इसके अलावा गणेश जी मनोकामना पूरी करते हैं. संतान सुख प्राप्त करने के लिए भी इस दिन व्रत रखना लाभदायक माना जाता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news