Ekdant Sankashti Chaturthi 2024: एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज, बप्पा प्रसन्न होकर दूर करेंगे सभी विघ्न, बस पूजा के दौरान कर लें ये उपाय
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Ekdant Sankashti Chaturthi 2024: एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज, बप्पा प्रसन्न होकर दूर करेंगे सभी विघ्न, बस पूजा के दौरान कर लें ये उपाय

Sankashti Chaturthi 2024 Upay: पंचांग के अनुसार कैलेंडर के तीसरे माह यानी ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर एकदंत संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. इस दिन गणेश जी की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने का विधान है. 

Ekdant Sankashti Chaturthi 2024: एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत आज, बप्पा प्रसन्न होकर दूर करेंगे सभी विघ्न, बस पूजा के दौरान कर लें ये उपाय

Ekdant Sankashti Chaturthi 2024 Shubh Muhurat: पंचांग के अनुसार कैलेंडर के तीसरे माह यानी ज्येष्ठ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर एकदंत संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. इस दिन गणेश जी की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने का विधान है. हिन्दू धर्म में गणेश जी को सर्वप्रथम पूजा जाता है. किसी भी मांगलिक कार्य करने से पहले गणेश जी की पूजा होती है, ऐसा करने से कार्यों में शुभ परिणाम मिलते हैं. पूरे देश में आज यानी 26 मई को संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है.

करें ये उपाय
गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है क्योंकि बप्पा सभी के जीवन के विघ्न हर लेते हैं और जीवन की राह को आसान बना देते हैं. एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की कृपा पाने के लिए आप पूजा के दौरान गणेश जी की आरती कर सकते हैं. मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धाभाव से गणेश जी की आरती करता है बप्पा उसके जीवन के कष्ठृट कम कर देते हैं और सुख-शांति प्रदान करते हैं.

यहां पढ़ें गणेश जी की आरती

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी ।

कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

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पूजा का शुभ मुहूर्त

एकदंत संकष्टी चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट शुरू हो गया है जो सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगा. आप इस अवधि में गणेश जी की पूजा कर सकते हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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