भक्त मन्नत लेकर भगवान गणेश की प्रतिमा की पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं और मन्नत होने पर सीधर स्वातिक बनाते हैं. इसी के साथ गणेशजी को मोदक का भोग लगाया जाता है. इस मंदिर में गणपति केवल सिंदूर से स्थापित किए गए हैं.
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नई दिल्ली: गणेश चतुर्थी पर देश भर में बप्पा की धूम है. महाराष्ट्र के अलावा भी देश के कई मशहूर गणेश मंदिरो में गजानन की पूजा-अर्चना का त्योहार मनाया जा रहा है. इंदौर के खजराना गणेश मंदिर की लीला भक्तों के बीच काफी मशहूर है. खजराना गणेश मंदिर की मान्यता है कि यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. बता दें कि खजराना गणेश मंदिर का निर्माण 1735 में होलकर वंश की महारानी अहिल्याबाई ने करवाया था. मान्यताओं के अनुसार श्रद्धालु इस मंदिर की तीन परिक्रमा लगाते हैं और मंदिर की दीवार पर धागा बांधते हैं.
भक्त मन्नत लेकर भगवान गणेश की प्रतिमा की पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं और मन्नत होने पर सीधर स्वातिक बनाते हैं. इसी के साथ गणेशजी को मोदक का भोग लगाया जाता है. इस मंदिर में गणपति केवल सिंदूर से स्थापित किए गए हैं.
'इश्किया गणेश मंदिर' में प्रेमी युगलों की मन्नत होती है पूरी, जानिए पूरी कहानी
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥ जय... दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी॥
विघ्नहरता सबकी मुश्किलें दूर करे। #Karvachauth #GanpatiBappaMorya #MP #khajrana #KhajranaGaneshMandir @szarita @INCIndia @INCMP pic.twitter.com/0wX8zvPVrz— Dipika Pandey Singh (@DipikaPS) October 27, 2018
शिव गौरी पुत्र गणेश प्रथम पूज्य देवता हैं और उनके आशीर्वाद से हर मुश्किल और बाधाओं मुक्ति मिलती है. खजराना गणेश मंदिर में 33 छोटे-बड़े मंदिर बने हुए हैं. यहां भगवान राम, शिव, मां दुर्गा, साईं बाबा, हनुमानजी सहित अनेक देवी-देवताओं के मंदिर हैं. मंदिर परिसर में पीपल का एक प्राचीन पेड़ भी है. इस पीपल के पेड़ के बारे में मान्यता है कि यह मनोकामना पूर्ण करने वाला पेड़ है.