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नई दिल्ली: जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि एक साल में 4 नवरात्रि है. चैत्र और शारदीय नवरात्र जो ज्यादा प्रसिद्ध हैं उनके अलावा साल में 2 बार गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) भी मनायी जाती है जो माघ (Magh) और आषाढ़ (Aashad) के महीने में आती है. गुप्त नवरात्रि ज्यादा प्रसिद्ध नहीं है इसलिए इसके बारे में कम ही लोग जानते हैं. हिंदू पंचांग (Panchang) के अनुसार माघ महीने की नवरात्रि आज 12 फरवरी 2021 दिन शुक्रवार से शुरू हो रही है जो 21 फरवरी दिन रविवार को समाप्त होगी क्योंकि इस बार नवरात्रि 9 नहीं बल्कि 10 दिनों की है क्योंकि षष्ठी तिथि 2 दिन है. गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों के साथ ही उनकी 10 महाविद्याओं की भी पूजा होती है.
ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा (Goddess Durga) की पूजा को जितना अधिक गुप्त तरीके से किया जाता है, पूजा का फल उतना ही अधिक प्राप्त होता है. इस साल माघ महीने की गुप्त नवरात्रि में कई शुभ योग भी बन रहे हैं जो हैं- सर्वार्थसिद्धि योग, त्रिुपष्कर अमृतसिद्धि और राजयोग. इन शुभ योगों के कारण गुप्त नवरात्रि के दौरान कोई भी शुभ और मंगल कार्य शुरू किए जा सकते हैं. इसके अलावा कलश स्थापना (Kalash Sthapna) के दिन यानी 12 फरवरी को शनि, गुरु, सूर्य, शुक्र और बुध का पंचग्रही योग मकर राशि में एक साथ बन रहा है जो इस दिन को और भी शुभ बना रहा है.
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- गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने वाले व्यक्ति को चमड़े (Leather) से बनी किसी भी वस्तु का भूलकर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. साथ ही काले रंग के कपड़े भी नहीं पहनने चाहिए.
- गुप्त नवरात्रि के दिनों में किसी पशु या जीव-जंतु को न मारें और ना ही उन्हें सताएं. साथ ही इस दौरान मांस-मदिरा आदि का सेवन ना करें, लहसुन-प्याज वाला भोजन खाने से बचें. ऐसा करने से से भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
- गुप्त नवरात्रि के दौरान गुस्सा करने से बचें और ना किसी को अपशब्द न बोलें. घर में झगड़ा या क्लेश करने से भी बचें. कहते हैं ऐसा करने से घर में बरकत नहीं होती.
- नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन का बहुत अधिक महत्व है इसलिए भूलकर इस दौरान किसी कन्या का अपमान न करें, उसे मारे नहीं और ना ही कोई कष्ट दें.
- इसके अलावा गुप्त नवरात्रि के दौरान बाल कटवाना, दाढ़ी बनवाना या नाखून काटना भी अशुभ माना जाता है. इसलिए इन 9 दिनों में ये सारे काम करने से भी बचें.
- गुप्त नवरात्रि के दौरान जहां तक संभव हो मां दुर्गा की पूजा बिना किसी को बताए बंद कमरे में करें ताकि पूजा करते समय कोई आपको न देखे. खुले स्थान पर पूजा करने से इसका बेहतर फल नहीं मिलता है.
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गुप्त नवरात्रि में विधि पूर्वक पूजा करने से कई प्रकार के कष्ट दूर होते हैं. खासकर दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है.
12 फरवरी प्रतिपदा तिथि- मां शैलपुत्री, कलश स्थापना
13 फरवरी द्वितीया तिथि- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
14 फरवरी तृतीया तिथि- मां चंद्रघंटा की पूजा
15 फरवरी चतुर्थी तिथि- मां कुष्मांडा की पूजा
16 फरवरी पंचमी तिथि- मां स्कंदमाता की पूजा
17 और 18 फरवरी षष्ठी तिथि- मां कात्यानी की पूजा
19 फरवरी सप्तमी तिथि- मां कालरात्रि की पूजा
20 फरवरी अष्टमी तिथि- मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी
21 फरवरी नवमी तिथि- मां सिद्धिदात्री, व्रत पारण
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