Gupt Navratri 2021: कल से शुरू हो रही गुप्त नवरात्रि, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
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Gupt Navratri 2021: कल से शुरू हो रही गुप्त नवरात्रि, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

माघ महीने में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है क्योंकि इस दौरान की गई पूजा को जितने गुप्त तरीके से किया जाता है सफलता उतनी ही अधिक मिलती है. 

गुप्त नवरात्रि का शुभ मुहुर्त

नई दिल्ली: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. जिन लोगों को नहीं पता उन्हें बता दें कि शास्त्रों के मुताबिक साल में 2 नहीं बल्कि 4 नवरात्रि (Navratri) होती है. चैत्र और शारदीय नवरात्र के अलावा साल में 2 बार गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) भी आती है जो माघ और आषाढ़ के महीने में आती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि को गुप्त इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे लेकर कई तरह के रहस्य बरकरार हैं और इस दौरान तंत्र मंत्र (Tantra Mantra) की सिद्धि भी की जाती है. साथ ही इस दौरान मां दुर्गा की पूजा को जितना गुप्त तरीके से किया जाता है पूजा का फल उतना ही अधिक मिलता है. मान्यताओं के अनुसार कुछ विशेष उपायों को करने से मां दुर्गा (Goddess Durga) प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं.

  1. 12 फरवरी 2021 से शुरू हो रही है गुप्त नवरात्रि
  2. जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  3. इस दौरान मां दुर्गा के 10 महाविद्याओ की होती है आराधना

गुप्त नवरात्रि 2021 में कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त

गुप्त नवरात्रि प्रारंभ- 12 फरवरी 2021 शुक्रवार
गुप्त नवरात्रि समाप्त- 21 फरवरी 2021 दिन रविवार
कलश या घट स्थापना का मुहूर्त- 12 फरवरी सुबह 8.34 बजे से 9.59 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त- 12 फरवरी को दोपहर 12.13 से 12.58 बजे तक

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गुप्त नवरात्रि में ऐसे करें पूजा

गुप्त नवरात्रि के दौरान गुप्त तरीके से ध्यान-साधना करके दुर्लभ शक्तियों को प्राप्त कर सकता है और इस समय की गई साधना शीघ्र फलदायी भी मानी जाती है. माघ मास की गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा करने का विधान है जो पूजा करने वाले साधक को कार्य सिद्धि प्रदान करती हैं. ये 10 महाविद्याएं हैं-
मां काली
तारा देवी
त्रिपुर सुंदरी
भुवनेश्वरी देवी
छिन्नमस्ता
त्रिपुर भैरवी
मां धूमावती
मां बगुलामुखी
मातंगी देवी
कमला देवी 

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गुप्त नवरात्रि के दौरान अखंड जोत प्रज्वलित करके सुबह और शाम के समय मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है और दुर्गा सप्तशति या दुर्गा चालीसा का पाठ और 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' मंत्र का जाप भी किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि के दौरान मां भगवती को लौंग और बताशे का भोग लगाना चाहिए. 

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