Chaitra Navratri 2021: दुर्गा सप्तशती का पाठ करते वक्त इन जरूरी बातों और नियमों का रखें ध्यान
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Chaitra Navratri 2021: दुर्गा सप्तशती का पाठ करते वक्त इन जरूरी बातों और नियमों का रखें ध्यान

कई बार आपने भी यह महसूस किया होगा कि आप पूरे विधि विधान से पूजा करते हैं लेकिन फिर भी आपको अपनी पूजा का फल नहीं मिलता. इसका कारण है जाने अनजाने में हुई कुछ गलतियां. दुर्गा सप्तशती का पाठ करते वक्त भी कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि पाठ का पूरा फल आपको मिले.

दुर्गा सप्तशती का पाठ

नई दिल्ली: 13 अप्रैल मंगलवार से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान मां शैलपुत्री से लेकर सिद्धिदात्री तक, नवरात्रि के इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूरे विधि विधान के साथ पूजा की जाती है (Nine forms of durga is worshipped). साथ ही नवरात्रि के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करना भी विशेष रूप से फलदायी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में रोजाना दुर्गा सप्तशती (Durga Saptashati) पढ़ने से मां प्रसन्न होती हैं और व्यक्ति को धन-धान्य, मान-सम्मान और सौभाग्य का आशीर्वाद देती है. लेकिन दुर्गा सप्तशती पढ़ने का पूरा लाभ आपको मिले, इसके लिए कुछ जरूरी बातों और नियमों का ध्यान रखना चाहिए.

  1. चैत्र नवरात्रि के नौ दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ
  2. दुर्गा सप्तशती पाठ के दौरान इन नियमों का रखें ध्यान
  3. पाठ का पूरा लाभ मिले इसके लिए कुछ बातें याद रखें

दुर्गा सप्तशती पढ़ते वक्त इन नियमों का पालन करें

-दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के दौरान शुद्धता (Purity) का पालन करना बेहद जरूरी है. इसलिए स्नान आदि करके साफ वस्त्र पहकर ही पाठ करें. कुशा के आसन या ऊन के बने आसन पर बैठकर ही पाठ करें. साथ ही पाठ करते वक्त हाथों से पैर का स्पर्श न करें.

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-दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू करने से पहले पुस्तक को लाल कपड़े पर रखकर उस पर अक्षत और फूल चढ़ाएं. पूजा करने के बाद ही किताब पढ़ना शुरू करें.

-नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के पाठ से पहले और बाद में नर्वाण मंत्र ''ओं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे'' का जाप करना (Mantra jaap) जरूरी होता है.

-दुर्गा सप्तशती के पाठ में एक-एक शब्द का उच्चारण साफ और स्पष्ट होना चाहिए (Pronunciation is important). इसमें शब्दों को उल्टा-पुल्टा न बोलें और ना ही शब्दों का हेर-फेर करें. सप्तशती पढ़ते वक्त बहुत जोर से या धीरे से पाठ ना करें. इस तरह करें कि आपको एक-एक शब्द स्पष्ट सुनाई दे.

-अगर संस्कृत भाषा में दुर्गा सप्तशती के पाठ का उच्चारण करने में कठिनाई हो रही हो तो इसे हिंदी में किया जा सकता है. लेकिन जो भी पढ़ें उसे सही और स्पष्ट बोलें.

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-दुर्गा सप्तशती का पाठ करते वक्त जम्हाई नहीं लेनी चाहिए क्योंकि यह आलस को दर्शाता है. इसलिए मन को शांत और स्थिर करके ही पाठ शुरू करें.

-अगर किसी दिन आपके पास समय की कमी है और आप दुर्गा सप्तशती का पूरा पाठ नहीं कर सकते तो सप्तशती के आखिर में दिए गए कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें और देवी से अपनी पूजा स्वीकार करने की प्रार्थना करें.

-पाठ खत्म हो जाने के बाद आखिर में मां दुर्गा से अपनी किसी भी तरह की भूल चूक के लिए क्षमा प्रार्थना जरूर करें.

(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)

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