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नई दिल्ली: धर्म ग्रंथों में दीपक या दीया जलाने का बड़ा महत्व बताया गया है. ऋगवेद (Rigveda) की मानें तो दीप में देवताओं का तेज बसता है. यही कारण है कि पूजा-पाठ हो, कोई सांस्कृतिक उत्सव हो या फिर कोई त्योहार- सभी की शुरुआत दीप प्रज्वलित (Lightning Lamp) करके ही की जाती है. दीपक या दीये के प्रकाश को ज्ञान का प्रतीक भी माना जाता है क्योंकि यह अंधकार से उजाले की ओर ले जाता है. यही कारण है शास्त्रों में सुबह-शाम घर में दीपक जलाने की सलाह दी जाती है. ऐसा करने से सभी तरह की परेशानियां समाप्त हो जाती है, घर में सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) आती है और मन को भी शांति मिलती है. लिहाजा दीप जलाते समय हमें कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1. कहां रखें दीपक- ज्योतिष शास्त्र (Jyotish Shastra) की मानें तो पूजा करते वक्त सिर्फ दीप जलाना ही काफी नहीं है बल्कि उसे कहां रखना है यह भी जानना उतना ही जरूरी है. इसलिए दीप को हमेशा भगवान की तस्वीर के ठीक सामने रखना चाहिए. इसके अलावा अगर घी का दीपक जला रहे हैं तो उसे अपने बाएं हाथ की ओर रखें और तेल का दीपक जला रहे हों तो उसे अपनी दाईं ओर रखें.
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2. कैसी होनी चाहिए बाती- बहुत से लोग हर तरह के दीप में एक ही बाती का इस्तेमाल करते हैं लेकिन घी और तेल की बाती अलग-अलग होनी चाहिए. अगर आप घी का दीपक (Ghee Diya) जला रहे हों तो दीप में रुई की बाती रखें लेकिन अगर तेल का दीपक (Oil Diya) जलाएं तो उसमें लाल धागे की बाती बनाएं. ऐसा करना शुभ माना जाता है.
3. किस दिशा में जलाएं दीपक- बहुत से लोग घर के कोनों में भी दीया जलाते हैं लेकिन ध्यान रखें कि दीपक को कभी भी पश्चिम दिशा (West) में न रखें. ऐसा करने से आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही दीपक को इस तरह से भी न रखें कि उसकी रोशनी दक्षिण (South) दिशा की ओर पड़े. शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना भी शुभ होता है.
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4. किस समय जलाएं दीप- जब मन करे तब भगवान की पूजा कर ली या दीपक जला लिया, ऐसा करने से नुकसान हो सकता है. इसलिए सुबह 5 बजे से लेकर 10 बजे तक और शाम में 5 बजे से 7 बजे के बीच में ही दीप जलाना चाहिए.
5. कैसा हो दीपक- ध्यान रहे कि आप पूजा में जिस दीप का इस्तेमाल कर रहे हों वह कहीं से भी खंडित नहीं होना चाहिए. खंडित दीये (Broken Diya) में दीप जलाने से देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) नाराज हो सकती हैं. साथ ही दीपक जलाने से पहले दीये को अच्छे से साफ कर लें. अगर पूजा करते वक्त किसी कारण दीपक बुझ जाए तो उसे तुरंत दोबारा जलाकर ईश्वर से क्षमा याचना कर लें.
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