Jagannath Rath Yatra 2022: जगन्‍नाथ यात्रा शुरू होने में बाकी है बस इतना समय! जानें पूरा शेड्यूल और रोचक बातें
Advertisement
trendingNow11235672

Jagannath Rath Yatra 2022: जगन्‍नाथ यात्रा शुरू होने में बाकी है बस इतना समय! जानें पूरा शेड्यूल और रोचक बातें

Jagannath Rath Yatra 2022 Date: विश्‍वप्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू होने में अब बस कुछ ही समय बाकी रह गया है. ओडिशा के पुरी में स्थिति भगवान जगन्‍नाथ के मंदिर से 3 किलोमीटर की यह अलौकिक यात्रा शुरू होती है और फिर भगवान गुंडिचा मंदिर में 7 दिन विश्राम करते हैं. 

फाइल फोटो

Jagannath Rath yatra 2022 Schedule: आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को ओडिशा के पुरी में विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथ यात्रा निकाती जाती है. इस साल यह यात्रा 1 जुलाई 2022, शुक्रवार को निकाली जाएगी. भगवान जगन्‍नाथ, अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ 3 अलौकिक सुंदर रथों में सवार होकर अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाते हैं और फिर 7 दिन तक वहीं विश्राम करते हैं. जगन्‍नाथ रथ यात्रा में शामिल होने के लिए देश-दुनिया से लोग पुरी पहुंचते हैं. भगवान जगन्‍नाथ, भगवान विष्‍णु के प्रमख अवतारों में से एक हैं. 

जगन्‍नाथ रथ यात्रा 2022 शेड्यूल 

01 जुलाई 2022 को जगन्‍नाथ मंदिर से रथ यात्रा शुरू होगी और गुंडिचा मौसी के घर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्‍थान करेगी. इसके बाद भगवान जगन्‍नाथ 7 दिन तक यहीं विश्राम करेंगे.

08 जुलाई 2022 को भगवान जगन्‍नाथ संध्या दर्शन देंगे. मान्‍यता है कि इस दिन भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने से 10 साल तक श्रीहरि की पूजा करने जितना पुण्य मिलता है.

09 जुलाई 2022 को बहुदा यात्रा निकलेगी. इसमें भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ घर वापसी करेंगे.  

10 जुलाई 2022 को सुनाबेसा होगा. यानी कि जगन्नाथ मंदिर लौटने के बाद भगवान अपने भाई-बहन के साथ फिर से शाही रूप लेंगे. 

11 जुलाई 2022 को आधर पना होता है. यानी कि रथ यात्रा के तीनों रथों पर दूध, पनीर, चीनी और मेवा से बना एक विशेष पेय चढ़ाया जाता है. 

यह भी पढ़ें: Ashadha Gupt Navratri 2022: गुप्‍त नवरात्रि शुरू होने में बाकी है इतना समय! जानें किस भोग से प्रसन्‍न होंगी मां

रथों से जुड़े रोचक तथ्‍य  

अक्षय तृतीया से जगन्‍नाथ रथ यात्रा के तीनों रथों का निर्माण शुरू होता है. इसके लिए वसंत पंचमी से लकड़ी का संग्रह शुरू हो जाता है. इन रथों को बनाने के लिए लकड़ी एक विशेष जंगल दशपल्ला से एकत्र की जाती है. ये रथ केवल श्रीमंदिर के बढ़ई ही बनाते हैं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Trending news